भाजपा ने आठ साल तक काटी वोटों की फसल, अब बगैर विस्थापन गरीबों को उजाड़ने पर आमादाः राजीव महर्षि

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने बिना विस्थापन नदी-नालों के किनारे स्थित बस्तियों में रह रहे लोगों को उजाड़ने की तैयारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ लोकसभा चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रही थी। चुनाव होते ही भाजपा की जनविरोधी चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ साल तक वोटों की फसल काटी। अब बगैर विस्थापन के गरीब लोगों को उजाड़ने पर सरकार आमादा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महर्षि ने एक बयान में कहा कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने अनेक कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया था। यह प्रस्ताव विधानसभा से पारित हुआ था, लेकिन अगले साल भाजपा की सरकार आने के बाद उस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसी का नतीजा है कि वर्षों से इन बस्तियों में रहने वाले लोगों का भविष्य आज भी दांव पर है। सरकार के पास कोई वैकल्पिक प्लान नहीं है, जबकि उन बस्तियों में रह रहे लोग इस प्रदेश के नागरिक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज एनजीटी और हाईकोर्ट के नाम पर गरीब बेसहारा लोगों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब ये बस्तियां अस्तित्व में आ रही थी, तब सरकारी तंत्र क्यों सोया रहा। महर्षि ने साथ ही यह भी पूछा कि यदि उक्त बस्तियां अवैध हैं, तो ऊर्जा निगम और जल निगम ने किस आधार पर वहां बिजली पानी के कनेक्शन दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़क की सुविधा अपने आप तो हुई नहीं। पिछले आठ साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो जाहिर है कि भाजपाइयों ने ही वोट की फसल काटने के लिए यह कुचक्र रचा। अब जिम्मेदारी लेने की बात आई तो बेकसूर लोगों को सड़क पर लाने की तैयारी की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महर्षि ने कहा कि वर्ष 2017 से लोकसभा, विधानसभा से लेकर नगर निगम तक के आधा दर्जन चुनाव हो चुके हैं। उन्होंने पूछा कि सबका साथ सबका विकास का राग अलापने वाली भाजपा ने पिछले आठ साल में क्यों नहीं इस मुद्दे का समाधान किया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी को अंधेरे में नहीं रखना चाहती और न ही एनजीटी अथवा अदालत की अवमानना का इरादा है। सवाल सिर्फ इतना है कि पिछले आठ साल से भाजपा सरकार ने क्यों अवैध बस्तियों के लोगों को अंधेरे में रखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजीव महर्षि ने कहा कि पहले चरण में देहरादून नगर निगम द्वारा रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक की 27 अवैध बस्तियां चिह्नित की गई हैं। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि इन लोगों के भविष्य का क्या होगा? उनके बच्चों का क्या होगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तपते मौसम ने वे लोग कहां जायेंगे, जबकि इसी सरकार के कार्यकाल में स्थिति विकराल हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह तो पहले चरण का मामला है, जबकि देहरादून नगर निगम क्षेत्र में इस तरह की कुल 129 बस्तियां हैं। उनमें करीब 40 हजार से अधिक भवन हैं। यदि प्रत्येक घर में पांच लोगों की संख्या भी मान ली जाए, तो इस तरह करीब दो लाख की आबादी पर बर्बादी की तलवार लटकी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर ने आरोप लगाया कि वोट की खातिर भाजपाइयों ने अवैध बस्तियों को मौका दिया और अब चुनाव निपट जाने के बाद उन्हें उजाड़ने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रभावित होने वाले लोगों के जीवन जीने के अधिकार का हनन है। सरकार को इन बस्तियों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास का प्रबंध करना चाहिए। वरना कांग्रेस प्रभावित होने वाले लोगों के पक्ष में संघर्ष से पीछे नहीं रहेगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।