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June 21, 2025

बिन्दू और रीना ने किडनी देकर बचायी एक दूसरे के पति की जान, हिमालयन अस्पताल में किया गया ट्रांसप्लांट

अपने पति के प्राणों की रक्षा करने वाली सावित्री की कहानी अमूमन हर किसी ने बचपन में बढ़ी होगी, लेकिन यहां दो दो महिलाओं ने एक दूसरे के पति के प्राणों की रक्षा की।

अपने पति के प्राणों की रक्षा करने वाली सावित्री की कहानी अमूमन हर किसी ने बचपन में बढ़ी होगी, लेकिन यहां दो दो महिलाओं ने एक दूसरे के पति के प्राणों की रक्षा की। दोनों ने एक दूसरे के पति को अपनी किडनी दान की। ऐसे में दोनों के पतियों को नया जीवन मिला। देहरादून के डोईवाला स्थित हिमालय अस्पताल में चिकित्सकों के टीम ने एक ही दिन में दोनों के पतियों ईश्वर चंद व योगेश कुमार की किडनी ट्रांसप्लांट की। चारों पति-पत्नी अब पूरी तरह स्वस्थ है।
रुद्रप्रयाग निवासी ईश्वर चंद (36) की दोनों किडनी खराब हो गई थी। इसके चलते वे हेमोडायलिसिस पर थे और किडनी टांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प था। उनकी पत्नी रीना अपनी एक किडनी देने के लिए तैयार थी, लेकिन ब्लड ग्रुप मैच न होने से यह संभव नहीं था। इसी बीमारी से पीड़ित एक अन्य मरीज रुद्रप्रयाग बानी गांव निवासी योगेश कुमार (42) की भी दोनों किडनी खराब हो चुकी थी। वह भी डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजर रहे थे। योगेश की पत्नी बिन्दू का ब्लड ग्रुप भी मैच नहीं होने के चलते वह अपनी किडनी नहीं दे सकती थी।
हिमालयन हॉस्पिटल के नेफ्रोलोजिस्ट डॉ. विकास चंदेल इन दोनों मरीजों का उपचार कर रहे थे। उन्होंने दोनों परिवार को स्वैप (क्रॉस किडनी ट्रांसप्लांट) के बारे में बताया। इसमें एक मरीज के परिवार के सदस्य की किडनी दूसरे मरीज से मैच हो व दूसरे मरीज के परिवार के सदस्य की किडनी पहले मरीज के परिवार से मैच हो जाये तो वह एक दूसरे के परिवार के सदस्य से किडनी लेकर ट्रांसप्लांट करवा सकते हैं। इस बीच जांच कराने पर पता चला कि बिन्दू का ईश्वर से और रीना का योगेश से ब्लड ग्रुप मैच हो रहा है।
इसके बाद ट्रांसप्लांट टीम के डॉ. किम जे मामिन, डॉ. शहबाज अहमद, डॉ. विकास चंदेल, डॉ. राजीव सरपाल, डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. करमवीर सिंह, ऐनेस्थिसिया डॉ. पारुल जिंदल, डॉ. अभिमन्यू पोखरियाल, डॉ. दीप्ति मेहता, डॉ. दिव्या अग्रवाल, डॉ, आरती राजपूत, डॉ. ज्योति, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. ममता गोयल की देखरेख में एक दिन में ही किडनी ट्रांसप्लांट की लंबी और जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस लंबे और जटिल ऑपरेशन के अंत में ईश्वर को बिन्दू की किडनी और योगेश को रीना की किडनी ट्रांसप्लांट की गयी। इस सफल स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट के बाद दोनो किडनी सामान्य रूप से काम कर रही हैं। दोनों ही परिवार अत्यधिक खुश है। इस सफल स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट में कोआर्डिनेटर जगदीप शर्मा ने अपना सहयोग दिया।

कुलपति डॉ. विजय धस्माना व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी ने सफल स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम इस तरह की कई जटिल सर्जरी को अंजाम दे रही है। इसके लिए चिकित्सकों की टीम के साथ ही पूरे संस्थान का स्पाफ बधाई के पात्र हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट का विश्व स्तरीय संस्थान
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हिमालयन हॉस्पिटल उत्तराखंड में एकमात्र विश्व स्तरीय स्वीकृत संस्थान है। अन्य अस्पतालों की अपेक्षा बहुत ही किफायती दरों में हिमालयन हॉस्पिटल में किडनी के सफल ट्रांसप्लांट होते है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की अनुभवी व समर्पित टीम है। शीघ्र ही हिमालयन अस्पताल में ट्रांसप्लांट सेवाओं में विस्तार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
एक साल में किये गये 25 सफल किडनी ट्रांसप्लांट
डॉ. विकास चंदेल ने बताया कि बीते वर्ष में हिमालयन हॉस्पिटल की ट्रांसप्लांट टीम ने किडनी के 25 सफल ट्रांसप्लांट किये है। जिसमें तीन स्वैप ट्रांसप्लांट शामिल है। तीनों ही स्वैप ट्रांस्पलांट सफल रहे है। अभी तक हिमालयन हॉस्पिटल की ट्रांसप्लांट टीम ने 4 सफल स्वैप ट्रांसप्लांट किये है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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