कार्यशाला में हिंदी के उपयोग पर किया जागरूक, कामकाज की भाषा में रोचक, सरल और सुबोध हिंदी पर जोर
राष्ट्रीय सांख्यिकीय (क्षेसंप्र) क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून में हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर ‘राजभाषा नीति एवं कार्यालयीन हिंदी भाषा के स्वरूप’ विषय पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता एवं केन्द्रीय भंडारण निगम से सेवानिवृत्त राजभाष प्रबंधक महिमानंद भट्ट ने अपने व्याख्यान में सभी अधिकारियो और कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज की भाषा सरल और सुबोध होनी चाहिए।उन्होंने राजभाषा हिंदी में विभिन्न भाषाओं के शब्दों की प्रयुक्ति की संक्षिप्त जानकारी साझा की। संवैधानिक
प्रावधानों के अतिरिक्त महिमानंद भट्ट ने अपनी प्रस्तुति में राजभाषा नियम एवं कार्यालयीन हिंदी भाषा के स्वरूप पर समग्र जानकारी प्रदान की। उन्होंने राजभाषा, राष्ट्रभाषा एवं संपर्क भाषा के बारे में जानकारी देते हुए भाषा के महत्व पर सभी प्रतिभागियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी संबोधित किया।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के उप महानिदेशक संकर्षण साहू ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए हिंदी के नियमों, राजभाषा अधि नियमों के अंतर्गत शत प्रतिशत कार्य हिंदी में करने के लिए विशेष जोर दिया। उन्होंने धारा
3 (3) का पातन सुनिश्चित करने के लिए भी सभी का ध्यानाकर्षित किया। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मुख्य वक्ता महिमानंद भट्ट का स्वागत करते हुए उनका आभार प्रकट किया।
उद्घाटन सत्र में कार्यालय की कार्यालयाध्यक्ष स्नेह कीर्ति ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राजभाषा संबंधी सामान्य जानकारी एवं संवैधानिक प्रावधानों को कार्यालय में प्रयुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया । कार्यशाला में कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों को राजभाषा की बारीकियों, संवैधानिक नियमो व उपनियमो की जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला का समापन प्रश्नोत्तरी सत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों की हिंदी के प्रति जिज्ञासाओं और प्रश्नों का समाधान किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी संजय रतूड़ी ने आभार प्रकट किया।





