पीएम आवास योजना की पहली किश्त मिलते ही उजड़ा घर, 11 महिलाएं पैसा लेकर प्रेमी संग हुई फरार
हर बेघर गरीब के सिर पर पक्की छत हो, इसी मंशा से पीएम आवास योजना शुरू की गई थी। हाालांकि पूर्व में मनमोहन सिंह की सरकार में इसी तरह की योजना इंदिरा आवास के नाम पर चलाई गई थी। अब मोदी सरकार ने हल्के फेरबदल के साथ इस योजना का नाम पीएम आवास योजना रखा। इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार से एक व्यक्ति के अकाउंट पर ही घर बनाने के लिए राशि दी जाती है। इसी योजना से बड़ी संख्या में लोगों को मकान मिले, लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि कई कई परिवार में मकान के लिए पहली किश्त मिलने पर घर बनने की बजाय उजड़ गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे हैरान करने वाले मामले उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से आए हैं। यहां पीएम आवास योजना की पहली किश्त मिलते ही 11 महिलाएं अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गईं। मामला सामने आने के बाद प्रशासन अब जांच में जुट गया है। ऐसे मामले महाराजगंज के निचलौला ब्लॉक के हैं। ब्लॉक के अंतर्गत 108 गांव में वित वर्ष 2023- 24 में 2350 लाभार्थियों का चयन हुआ था। इन लाभार्थियों में कुछ महिलाएं भी हैं। पीएम आवास योजना की पहली किस्त 40 हजार रुपये पहुंची थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खबरों के मुताबिक जिले के निचलौल ब्लॉक के तहत आने वाले न गांव की 11 महिलाएं अपना घर छोड़कर भाग गई। बताया जा रहा है कि पीएम आवास योजना की पहली किस्त लेने के बाद वह अपने पति को छोड़कर प्रेमी संघ फरार हो गईं। घर वाले अब परेशान है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, एक लाभार्थी महिला की सास ने कहा कि बहु भाग गई है। उनके नाम से खाते में पैसा आया। लड़का बाहर गया हुआ है। हमसे कोई पैसा न वसूल करे, हम कहां से पैसा देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं एक अन्य लाभार्थी महिला के ससुर ने कहा कि बहू के नाम से प्रधानमंत्री आवास का चयन हुआ था। एक किश्त आई, लेकिन बहू पैसा निकालकर भाग गई। अब अधिकारी आते हैं. हम कहां से पैसा कर दे, गरीब आदमी हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब इन महिलाओं के पति पुलिस के पास पहुंचे और दूसरी किश्त पर रोक लगाने की मांग की। घर वाले समझ नहीं पा रहे हैं कि करें तो क्या करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में महाराजगंज के जिलाधिकारी ने कहा कि जिन्होंने भी आवास बनाने में धनराशि का प्रयोग नहीं किया है, उन्हें लेकर संबंधित बीडीओ को निर्देशित किया गया है। कहा गया है कि जितने भी ऐसे लाभार्थी हैं, उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाए और रिकवरी की कार्यवाही भी करके सरकारी धन को वापस लिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्नियों के भाग जाने से परेशान पतियों के सामने दो समस्याएं खड़ी हो गई हैं. पहली समस्या यह कि अभी तक निर्माण कार्य शुरू ना कराए जाने के चलते जिला नगरीय विकास अभिकरण की ओर से उन्हें नोटिस भेज सकता है। दूसरी समस्या यह कि विभाग की ओर से रिकवरी किए जाने का खौफ पैदा हो गया है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।