Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 13, 2024

जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा को फेंसिंग के लिए 130 करोड़ रूपये की होगी व्यवस्था, पलायन पर चिंता

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक लेते हुए कहा कि जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में फेंसिंग की व्यवस्था के लिए 130 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना होगी शुरू। प्रधानमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की भांति राज्य में मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के तहत नेपाल बॉर्डर के कुछ गांवों को चिह्नित कर विकसित किया जायेगा। पीएम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के चीन की सीमा से लगे चार ग्राम नीति, माणा, मलारी एवं गूंजी चिन्हित हुए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आजीविका दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि अमृत सरोवर योजना के तहत अब 1200 और अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है, इनसे लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है। इस पर भी ध्यान दिया जाए। इनको मत्स्य पालन से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पशुबाड़ के तहत लाभार्थियों को जो 48 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। उसे बढ़ाने के लिए जल्द प्रस्ताव लाया जाए। कृषि, बागवानी एवं पशुपालन को राज्य में और तेजी से बढ़ावा दिया जाए। सेब एवं कीवी पर मिशन मोड में कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बागवानी को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी में तेजी से बढ़ाने के प्रयास किये जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था के भी निर्देश उन्होंने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवास निर्माण कार्यों में तेजी से कार्य हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुसार वर्ष 2025 तक समूहों की 1.25 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं कार्यदाई संस्थाओं द्वारा जो भवन बनाये जा रहे हैं, उनको पर्वतीय शैली में बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अभी तक जिनका मुआवजा भुगतान नहीं हुआ है, वह शीघ्र किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र पोषित योजनाओं में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर योजना, आधार सीडिंग में उत्तराखण्ड राष्ट्रीय स्तर पर पहले एवं ससमय भुगतान में तृतीय स्थान पर है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तराखण्ड बजट आवंटन/स्वीकृति, रिवाल्विंग फंड तथा सामुदायिक निवेश निधि ( RF & CIF ) में प्रथम स्थान एवं लखपति दीदी सर्वे में द्वितीय स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत भी उत्तराखण्ड देश में पांचवे स्थान पर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में जानकारी दी गई कि विगत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में 5838 करोड़ की लगात से 11621 किमी. मार्गो का निर्माण किया गया एवं 875 बसावटें संयोजित की गई। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना से 2017 तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3994 करोड़ रूपये की लागत से 10243 किमी के कुल 1310 कार्य स्वीकृत हुए एवं 955 बसावटें संयोजित की गई। जबकि 2017 से अब तक राज्य में 6375 करोड़ रूपये की लागत से 10034 किमी के कुल 1468 कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं 875 बसावटें संयोजित की गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बताया गया कि विगत 05 वर्षों में राज्य में मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष 5.5 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया। 56 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को दिया गया। आजीविका पैकेज के अन्तर्गत 13500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया। दीनदयाल अन्त्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विगत 05 वर्षों में 3.49 लाख परिवारों के 52613 समूहों में संगठित किया गया। 38882 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 23952 समूहों को सी.आई.एफ की धनराशि वितरित की गई। 29289 समूह सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, अपर सचिव नितिका खण्डेलवाल, उदयराज, अरूणेन्द्र चौहान, योगेन्द्र यादव एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पलायन रोकने को वैज्ञानिक तरीके से बनाएं कार्य योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पलायन को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से व्यापक कार्य योजना बनाई जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए गांवों पर केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने एवं अवस्थापना विकास से संबंधित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 19 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। उधमसिंह नगर जनपद की रिपोर्ट भी जल्द सौंपी जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के सदस्य दिनेश रावत ने सुझाव दिया कि राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे। सीएम सौर स्वरोजगार योजना को राज्य में और बढ़ावा देना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सदस्य सुरेश सुयाल ने सुझाव दिया कि गांवों में किसान उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ)को बढ़ावा देना होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ना होगा। राम प्रकाश पैन्यूली ने सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रचीन मंदिरों को भी जोड़ने की जरूरत है, इससे धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाने होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रंजना रावत ने सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में एमएसएमई को और बढ़ावा देना होगा। कृषकों को समय पर उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हों, यदि वे कहीं बाहर से भी उच्च गुणवत्ता युक्त बीज ले रहे हो, तो उन्हें इसके लिए सब्सिडी समय पर मिल जाए। अनिल शाही ने कहा कि गांवों को केन्द्र मानकर विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने होंगे। सीमान्त क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सीमान्त दर्शन योजना शुरू करने की दिशा में विचार करना होगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव बी.वी.आर. सी. पुरूषोत्तम, अपर सचिव नीतिका खण्डेलवाल उपस्थित थे।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page