थलसेना अध्यक्ष नरवणे ने किया भारत चीन सीमा में चौकियों का हवाई निरीक्षण
थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चमोली जिले के माणा पास स्थित भारत चीन सीमा पर स्थित सेना की चौकियों का हवाई निरीक्षण किया। उन्हें बदरीनाथ धाम के निकट माणा में सेना के हैलीपेड पर उतरना था, लेकिन वह वहां नहीं उतरे और हवाई सर्वेक्षण कर जोशीमठ की तरफ चले गए। बता दें कि सीमांत क्षेत्र चमोली जनपद का एक हिस्सा चीन सीमा से लगता है। चीन के साथ सीमा विवाद की दृष्टि से सीमांत क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां भी कुछ माह से तेज हो गई हैं। भारतीय जवान सीमा पर अलर्ट हैं और किसी भी तरह की घुसपैंठ का जवाब देने में सक्षम हैं।
कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को सुबह लगभग 11-50 पर भारतीय थल सेना अध्यक्ष को बदरीनाथ माणा में सेना के हैलीपैड में आना था। इसके लिए हैलीपैड पर पूरी तैयारियां की गईं थी। निर्धारित समय पर उनका हेलीकॉप्टर तो आया, लेकिन लैंडिंग नहीं की।
इस दौरान उन्होंने माणा से आगे चीन सीमा की चौकियों का हवाई निरीक्षण किया। करीब बीस मिनट तक निरीक्षण के दौरान सेनाध्यक्ष परन्तु सेना अध्यक्ष ने नीती मलारी और अग्रिम भारतीय सीमा चौकी रिमखिम का भी हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद वे ब्रिगेड हेडक्वार्टर जोशीमठ पहुंचे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य में चीन से लगती हुई 345 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसमें से करीब 90 किलोमीटर चमोली जनपद में है। चीन सीमा का यह भाग सर्वाधिक संवेदनशील है। चमोली जिले की मलारी घाटी में स्थित बाड़ाहोती में चीन ने 2014 से 2018 तक 10 बार घुसपैठ की है। हर बार चीनियों के मंसूबों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात आइटीबीपी और सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया।
चमोली जिले से नवीन कठैत की रिपोर्ट।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।