भारत में कोविड के नए बेरिएंट में एंटीबाडी का असर भी कम, डब्ल्यूएचओ ने किया खुलासा
भारत में पाया गया कोविड वेरिएंट घातक और अधिक संक्रामक है। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने देश के कोरोनावायरस हालात के वीकली अपडेट के दौरान कही। यह भी कहा कि इन म्यूटेशन पर कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर फिलहाल निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। B.1.617 वेरिएंट भारत में सबसे पहले अक्टूबर में मिला था। अब 44 देशों में यह मिल चुका है। इसकी संक्रमण दर काफी ऊंची है। साथ ही एंटीबॉडी का असर इस पर काफी कम है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, B.1.17 वेरिएंट ब्रिटेन में पाया गया था और भारत में कहर बरपा रहा B.1.617 के मामलों में हाल के सप्ताहों में कुछ कमी देखने में मिली है। अब B.1.617.1 और B.1.617.2 के रूप में दो और खतरनाक म्यूटेशंस सामने आ गए हैं। शुरुआती विश्लेषण बताते हैं कि B.1.617.1 और B.1.617.2 वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलते हैं। संगठन ने कहा है कि B.1.617 वेरिएंट पर वैक्सीन और दवाओं पर प्रभाव के बारे में अभी अनिश्चिततता की स्थिति है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कुछ स्टडीज के अनुसार, Pfizer और Moderna वैक्सीन का भारत के वैरिएंट्स पर असर काफी कम है।
दूसरी ओर एक अमेरिकी विशेषज्ञ की राय है कि Pfizer, Moderna और Johnson and Johnson की वैक्सीन B.1.617 वेरिएंट पर काफी प्रभावी हैं। न्यूज एजेंसी पीआईआई ने डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस प्रो. फ्रांसिस कोलिंस के हवाले से कहा कि-डेटा आ रहे हैं और यह काफी उत्साह बढ़ाने वाली बात है कि अमेरिका की ओर से मंजूरी प्राप्त Pfizer, Moderna और Johnson and Johnson वैक्सीन, B.1.617 वेरिएंट पर असरदार हैं। अप्रैल में B.1.617.1 वेरिएंट के भारत में 21 फीसदी और वेरिएंट B.1.617.2 के 7 फीसदी मामले सामने आए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।