आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सचिवालय कूच, भोजनमाताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन

सीटू से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सेविका कर्मचारी यूनियन ने मांगों के समर्थन में आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सचिवालय कूच किया। सीएम से वार्ता के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त किया। साथ ही कार्यबहिष्कार जारी रखने की बात दोहराई। वहीं, भोजनमाताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय के समक्ष प्रदर्शन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने दोपहर 12 बजे राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क से जुलूस निकाला। सचिवालय से पहले पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि आंगनवाड़ी पिछले लंबे समय से आंदोलनरत है। जबसे मोदी सरकार सत्ता में आयी है, तब से आईसीडीएस के बजट में लगातार कटौती की गई है। आंगनवाडी के मानदेय में एक पैसे की भी बढ़ोत्तरी नही की गई है। वहीं अत्यधिक काम हमसे करवाये जाते है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगे नही मानती है तो उनका संघर्ष जारी रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रसन्तीय सचिव लेखराज ने कहा कि सरकार सिर्फ साम्प्रदायिक आधार पर वर्करों को बांटने का काम कर रही है। श्रमिक अपनी मांगों को 2024 के लोकसभा चुनावों में मुद्दा बनाएंगे और सरकार को श्रमिको की बात माननी ही पड़ेगी। वरना बीजेपी को सत्ता से बेदखल भी श्रमिक करेंगे। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी को सामाजिक सुरक्षा, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सेवानिवृत्ति पर ग्रेजुएटी का भुगतान, भविष्य निधि, ईएसआई, पेंशन का प्राविधान होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया। साथ ही मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता कराने की मांग की। इस पर नगर मजिस्ट्रेट ने वार्ता का आश्वासन दिया गया। प्रदर्शन करने वालों में रजनी गुलेरिया, राजेन्द्र पुरोहित, रविन्द्र नौढियाल, मामचंद, लक्ष्मी पंत, मनीषा राणा, सीमा सिंह, पूनम, नीलम, जयश्री आदि बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सेविकाएं उपस्थित थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भोजनमाताओं का मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन
सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर यूनियन की महामन्त्री मोनिका ने कहा कि भोजनमाताएं समाज मे सबसे कम मानदेय पर काम करती हैं। उन्हें 3000र रुपये ही दिया जाता है। वो भी ग्यारह माह का मानदेय दिया जाता है। इससे उनके व उनके परिवार का गुजारा नही हो पाता है। इस पर भी उन्हें निकलने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इससे उनके सामने ओर भी आर्थिक संकट गहरा हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि वर्तमान में केंद्र की मोदी व प्रदेश की धामी सरकार द्वारा सभी वर्करों के खिलाफ हमला बोल दिया है। इन सरकारों के द्वारा वर्करों को न्यूनतम वेतन तक नही दिया जा रहा है। वहीं वर्करों से उनका जो कुछ भी रोजगार था, उसे छीन कर बड़े पुंजिपतियो के सुपुर्द किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे इन सरकारों का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है। इसका उनका संगठन सरकार का पुरजोर विरोध करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दी गई चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, सचिव विद्यालयी शिक्षा, निदेशक विद्यालयी शिक्षा को ज्ञापन भेजे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे नही मानी जाती है तो वे 26 फरवरी 2024 को विधानसभा के समक्ष पर प्रदर्शन करेंगी।
ये हैं मांगे
भोजनमाताओं की मांगों में विवादित शाशनदेश को वापस लेने की मांग, न्यूनतम वेतन 26000 रुपये, ग्रेच्युटी, सामाजिक सुरक्षा आदि मांगे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे प्रदर्शनकारी
इस अवसर पर सीटू के कोषाध्यक्ष रविन्द्र नौढियाल, कमला गुरुंग, मीना नेगी, इंदु, रोशनी, चारु, शुशीला, आरती, रजनी रावत, भावना, अमरप्रीत कौर, बिमला, नीलम, बीना, सुशीला रावत, रिजबाल बानो, रानी, रेखा, चंद्रा वती, सरिता, सोनाली, बसन्ती आदि भोजनमाताएं प्रदर्शन करने वालों में शामिल थीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।