अमेरिका के कोविड एक्सपर्ट ने वैक्सीन के दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने को बताया खतरा, भारत ने कहा- फिलहाल कोई हड़बड़ी नहीं
अब वैक्सीन की दो डोज के बीच ज्याादा अंतराल को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता का कारण मान रहे हैं। वहीं, भारत सरकार का कहना है कि अंतराल में तत्काल बदलाव के लिए कोई हड़बड़ी की जरूरत नहीं है।
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एनडीटीवी से एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के बीच अंतराल बढ़ाने से लोगों के वायरस के वेरिएंट की चपेट में आने की आशंका बढ़ सकती है। गौरतलब है कि फाइजर वैक्सीन के लिए यह अंतराल तीन और Moderna के लिए चार सप्ताह है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन के बीच का अंतराल उस स्थिति में अच्छा है यदि कोई देश वैक्सीन आपूर्ति को लेकर मुश्किल का सामना कर रहा हो। डॉ फाउची अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के मेडिकल सलाहकार भी हैं।
पिछले महीने सरकार ने एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से निर्मित की दो डोज के बीच के अंतराल को 6 से 8 हफ्तों से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था। यह दूसरी बार है जब कोविशील्ड की खुराक में अंतराल को बढ़ाया गया है। मार्च में राज्यों से बेहतर नतीजों के लिए के लिए अंतराल को 28 दिन से बढ़ाकर 6 हफ्ते करने के लिए कहा गया था।
डॉ. फॉसी ने कहा कि अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति पर : कोरोना टीकाकरण को लेकर अमेरिका अच्छा कर रहा है. हमारे करीब 64 फीसद वयस्कों को या तो वैक्सीन का एक या दोनों डोज लग चुके हैं। डेल्टा वेरिएंट को लेकर उनका कहना है कि डेल्टा वेरिएंट भारत के कई प्रदेश में पाया गया है। यह काफी तेजी से फैलता है। ऐसे में किसी भी देश का चिंतित होना स्वाभाविक है। जिस देश में यह वेरिएंट है, उसे इससे निपटने के लिए खास तैयारी करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों से हमारी अच्छी बातचीत हुई है। कोरोना को लेकर हमारी विस्तार से चर्चा हुई है। यह बेहद खतरनाक वायरस है और परेशानी खड़ी कर रहा है। भारत ने इसका काप्फी सामना किया है, पूरी दुनिया को मिलकर इस वायरस का सामना करना होगा।
भारत सरकार का तर्क
भारत सरकार ने कहा कि कोविशील्ड टीके की दो खुराक के बीच अंतराल में तुरंत बदलाव के मामले में हड़बड़ी की जरूरत नहीं है और समयावधि बढ़ाने के लिए भारत के लिहाज से साइंटिफिक स्टडी की जरूरत होगी। कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की वकालत करने वाले कुछ स्टडी की खबरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर संतुलित रुख की जरूरत है।
कोविड-19 पर संवाददाता सम्मेलन में पॉल ने कहा कि खुराकों के बीच अंतराल तत्काल बदलने की जरूरत की बात करने में हड़बड़ी की आवश्यकता नहीं है। इस तरह के फैसले बहुत सावधानी से लिये जाने चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि जब हमने अंतराल बढ़ाया तो हमें उन लोगों को वायरस से होने वाले जोखिम पर विचार करना पड़ा। जिन्होंने केवल एक खुराक ली थी, लेकिन उसका भी जवाब था कि कई और लोगों को पहली खुराक मिल जाएगी और इस तरह अधिक लोगों की एक सीमा तक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा जाएगी।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण पर तकनीकी परामर्श देने वाले समूह में ऐसे लोग भी हैं जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की एवं अन्य समितियों में रहे हैं और जिनकी प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर है। इसलिए कृपया उनके फैसलों का सम्मान करें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।