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July 9, 2025

गजब का सिस्टम, उत्तराखंड के प्लांट से राज्य को नहीं मिल रही ऑक्सीजन, मंगा रहे झारखंड और पश्चिम बंगाल से, दून मसूरी रोपवे की आस जगी

अब देखिए उत्तराखंड में ऑक्सीजन के प्लांट हैं। यहां से ऑक्सीजन उत्तराखंड को नहीं दी जा रही है। वहीं, उत्तराखंड के लिए ऑक्सीजन झारखंड और पश्चिम बंगाल से मंगवाई जा रही है।

इन दिनों देश के हर हिस्से में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर मारामारी मची है। किल्लत हो भी क्यों नहीं। सिस्टम ही ऐसा है, जिसमें फिजूलखर्ची तो हो रही है और समय भी लग रहा है। अब देखिए उत्तराखंड में ऑक्सीजन के प्लांट हैं। यहां से ऑक्सीजन उत्तराखंड को नहीं दी जा रही है। वहीं, उत्तराखंड के लिए ऑक्सीजन झारखंड और पश्चिम बंगाल से मंगवाई जा रही है। इस बात का खुलासा आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से सम्मुख वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में कोविड-19 की स्थिति एवं वैक्सिनेशन के संबंध में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य में कोविड को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर बढ़ाये जा रहे हैं। उन्होंने कोविड काल में केन्द्र सरकार से हर संभव मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का आभार व्यक्त किया।
वैक्सीनेशन की दी जानकारी
मुख्यमंत्री तीरथ ने स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी कि राज्य में वैक्सीनेशन तेज गति से हो रहा है। 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग को भी राज्य में फ्री में वैक्सीन लगाई जा रही है। राज्य में 400 करोड़ से अधिक का व्ययभार इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन पर आ रहा है, जिसका वहन राज्य सरकार करेगी।
ऑक्सीजन को लेकर हुआ ये खुलासा
मुख्यमंत्री तीरथ ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि उत्तराखंड को 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन झारखंड एवं पश्चिम बंगाल से किया गया है, जबकि राज्य में काशीपुर, रूड़की एवं देहरादून में ऑक्सीजन प्लान्ट स्थापित हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य को इन्हीं ऑक्सीजन प्लान्ट से ऑक्सीजन आवंटित की जाए, जिससे समय की बचत भी होगी।
ये दिया सुझाव और किया अनुरोध
उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार वैक्सीन खरीदने के लिए एक निविदा जारी करे और उसकी दरें फिक्स करे। उन्होंने राज्य को 10 हजार ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 02 लाख पल्स ऑक्सीमीटर एवं 10 हजार ऑक्सीजन डी टाईप सिलिन्डर देने के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अभी एसडीआरएफ की 50 प्रतिशत धनराशि कोविड कार्यों के लिएअनुमत है। यदि इसे शत प्रतिशत कर दिया जाए तो राज्य अपने चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य व्यवस्थाएं बढ़ा सकते हैं।


केंद्रीय मंत्री ने दिए निर्देश
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्यों को टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग एवं माइक्रो कन्टेंटमेंट जोन की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है, यह सुनिश्चित हो कि उनको दूसरी डोज भी समय पर लग जाए। राज्यों का पॉजिटिविटी रेट और मृत्युदर को कम करने पर विशेष ध्यान हो। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों की हर तकलीफ को दूर करने एवं जरूरतों को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनि कुमार चौबे, विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी आदि उपस्थित थे।
दून मसूरी रोपवे की बंधी आस
आज भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग में देहरादून-मसूरी के बीच एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाजार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।
प्रदेश में पीले राशन कार्डधारकों को मिलेगी विशेष खाद्यान्न सहायता
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर राज्य खाद्यान्न योजना के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के चलते विशेष खाद्यान्न सहायता दी जायेगी। यह सहायता पीले राशन कार्डधारकों के लिये ही मान्य होगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के दस लाख पीले राशन कार्डधारकों को तीन महीने के लिये अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा। वर्तमान में साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता है। इसको बढ़ाकर बीस किलो प्रतिमाह कर दिया गया है। इसमें दस किलो चावल एवं दस किलो गेहूँ मिलेगा। जिसका मूल्य वर्तमान दरों पर ही रहेगा। जो कि गेहूँ के लिये 8.60 रुपये प्रति किलो एवं चावल के लिये 11.00 रुपये प्रति किलो है।
ये विशेष योजना मई, जून एवं जुलाई माह के लिये कार्डधारकों को उपलब्ध रहेगी। इसमें कि राज्य सरकार पर कुल 37.00 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भार आयेगा। जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। मई के महीने का राशन 18 तारीख से वितरित होने लगेगा। शेष महीनों का राशन हर महीने की एक तारीख को वितरित हो जायेगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना निरंतर जारी रहेगी। जिसमें प्रथम बार दो किलो चना दाल सभी 23 लाख राशन कार्डधारकों को मिलेगी। तत्पश्चात जो भी दालें भारत सरकार से उपलब्ध होती रहेंगी, वह आगामी महीनों में उपलब्ध कराई जायेगी।
पंचायतों को अनुदान की पहली किश्त की स्वीकृति
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुदान की प्रथम किस्त 85 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें जिला पंचायतों के लिए 12.75 करोड़, क्षेत्र पंचायतों के लिए 8.50 करोड़ एवं ग्राम पंचायतों के लिए 63.75 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
नर्स दिवस पर दी बधा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अन्तरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर सभी नर्सों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों का अहम रोल होता है। आज सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 की महामारी के दौर से गुजर रहा है। कोविड के दौरान नर्सों द्वारा जन सेवा का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ ने राज्य की सभी नर्सों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में जिस सेवा भाव एवं पूर्ण निष्ठा से हमारे राज्य की नर्सों द्वारा कार्य किया जा रहा है, यह वास्तव में सबके लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि यह समय नर्सों को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करने का है। कोविड ड्यूटी में लगे हमारे स्वास्थ्य कर्मी जिस मनोयोग से कार्य कर रहे हैं, वे इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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