टनल से बाहर निकाले गए सभी 41 श्रमिक, राज्यभर में उत्साह, पीएम मोदी का मजदूरों के धेर्य को सलाम
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टलन में भूस्खलन से फंसे 41 मजदूरों तक जिंदगी की पाइप लाइन पहुंच गई। हाथ से खुदाई पूरी होने के साथ ही श्रमिकों तक पाइप लाइन पहुंचा दी गई। इसके जरिये एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान टनल में उस स्थान तक पहुंचे, जहां श्रमिक फंसे हुए थे। देर शाम को श्रमिकों को बाहर निकालने का काम शुरू किया गया। रात करीब नौ बजे तक एक एक कर सभी 41 श्रमिक बाहर निकाल लिए गए हैं। टनल के बाहर स्टैंडबाय पर चिनूक हेलिकॉप्टर भी तैनात है। साथ ही टनल में अस्थायी प्राथमिक उपचार केंद्र भी बनाया गया है। वहीं, इन श्रमिकों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा है। शाम 7 बजकर 5 मिनट पर श्रमिकों तक पाइप पहुंचा दिया गया था। वहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, महमूद अहमद, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल भी मौके पर मौजूद रहे। पहले श्रमिक को शॉल ओढ़ाकर सीएम धामी ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता जाहिर की खुशी। कहा कि हर किसी को भावुक कर देने वाला है ये पल। पीएम ने मजदूरों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा में कामयाबी का तालियां बजाकर स्वागत
उत्तरकाशी की टनल में फंसे मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाबी मिलने की खबर मिलते ही ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षकों, छात्र छात्राओं और वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के प्रतिभागियों खुशी जाहिर की। सबने मौत के जबड़े में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य सरकार और मदद में जुटी एजेंसियों को तालियां बजाकर बधाई दी। कुलपति प्रोफेसर नरपिंदर सिंह, प्रो-चांसलर प्रोफेसर राकेश शर्मा और कई विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गौरतलब है कि ग्राफिक एरा के छात्र छात्राओं ने दिन पहले कैंडल जलाकर इन मज़दूरों की कुशलता के सामुहिक प्रार्थना की थी।
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। आज रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।