महाराष्ट्र के बाद शरद पवार को लगा नागालैंड में झटका, एनसीपी के सात विधायक गए अजीत के साथ
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद शरद पवार को एक और झटका लगा है। ये झटका नगालैंड में लगा है। राज्य में एनसीपी के सात विधायक अजित पवार खेमे में चले गए हैं। विधायकों के साथ पदाधिकारी भी अजित पवार को समर्थन देंगे। एनसीपी अजित पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजमोहन श्रीवास्तव ने बताया कि नगालैंड के प्रदेश अध्यक्ष वानथुंग ओडियो ने दिल्ली आकर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे से भेंट की। उन्होंने नगालैंड एनसीपी के निर्णय की जानकारी दी। ओडियो ने सात विधायकों सहित सभी पदाधिकारियों के समर्थन के शपथ पत्र भी सौंपे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस पर प्रफुल्ल पटेल ने आश्वासन दिया कि वे पार्टी को मजबूत करने प्रयासों में उनका साथ देंगे। प्रफुल्ल पटेल ने नगालैंड की प्रदेश कार्यकारिणी और जिला यूनिट को पहले जैसे कार्य करते रहने का निर्देश भी दिया है। नगालैंड एनसीपी के ब्रजमोहन श्रीवास्तव ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि नगालैंड राष्ट्रवादी पार्टी की संपूर्ण प्रदेश कार्यकारिणी और जिलों के पदाधिकारियों ने गहन चर्चा के बाद यह फैसला लिया है कि वे एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में काम करेंगे। नगालैंड एनसीपी ने अध्यक्ष वानथुंग ओडियो को इस निर्णय से राष्ट्रीय नेतृत्व को अवगत कराने के लिए अधिकृत किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि दो जुलाई को अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी। वह आठ एनसीपी विधायकों के साथ शिवसेना (शिंदे गुट)-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. अजित पवार के इस कदम से एनसीपी दो गुट में बंट गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डिप्टी सीएम बनते ही अजित पवार ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा कि एनसीपी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमारे पास ही रहेगा। अजित पवार ने इसके साथ ही शरद पवार के नगालैंड मॉडल पर रोशनी डाली थी। उन्होंने कहा कि पहले नगालैंड में एनसीपी के सात विधायक थे और पार्टी के फैसले पर सभी विधायक बीजेपी के साथ चले गए। इसी तरह एनसीपी महाराष्ट्र राज्य के विकास के लिए बीजेपी के साथ क्यों नहीं जा सकती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।