साल के पहले पूर्ण सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा, इन देशों में चार मिनट तक छाया अंधेरा
साल 2024 के पहले और 54 साल के सबसे लंबे पूर्ण सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सूर्यग्रहण ने सोमवार यानी कि आठ अप्रैल को उत्तरी अमेरिका को अपने आगोश में ले लिया और लाखों लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना के गवाह बने। इसमें आम लोगों के साथ वैज्ञानिक भी शामिल थे। साथ ही यह मौका हजारों लोगों के लिए पार्टी करने का भी एक बहाना बना। इसके लिए होटलों ने भी खास प्रबंध किए थे तो माहौल उत्सवी हो उठा। मेक्सिको के प्रशांत तट पर वहां के स्थानीय समय के अनुसार सुबह 11:07 पर सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने से अंधेरा छा गया। इसके कुछ ही देर बाद अमेरिका में भी ऐसी ही स्थिति बनी। अंधेरा 4 मिनट, 28 सेकंड तक चला। इस दौरान पक्षी भी अपने घोसलों की तरफ जाते नजर आए। उन्हें भी रात होने का भ्रम हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दृश्य को देखने के लिए हजारों लोग मेक्सिको सिटी में एकत्र हुए। 29 साल के कलाकार मारियाना जुआरेज ने एएफपी को बताया कि ये पृथ्वी और प्रकृति द्वारा दिए गए अवसर हैं। जिनका हमें लाभ उठाना चाहिए। कई राज्यों ने इस दिन स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी थी। साथ ही सावधानी बरतने की चेतावनी भी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
50 साल बाद लग रहा है पूर्ण सूर्यग्रहण
यह सूर्य ग्रहण 50 सालों बाद लगा। इसमें सूर्य को चंद्रमा कवर कर लिया और दिन में अंधेरा छा गया। ये पूर्ण सूर्य ग्रहण करीब चार मिनट 28 सेकंड के रहा। आज आठ अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान अमेरिका के कई हिस्सों में अंधेरा छा गया। यही वजह है कि ग्रहण और अंधेरा होने कि वजह से सुरक्षा के तौर पर कई राज्यों में स्कूलों को बंद किया गया। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया। कारण उस समय भारत में रात थी (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य ग्रहण लगने का कारण
आसान भाषा में समझें तो जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब चांद के पीछे सूर्य का बिंब कुछ समय के लिए पूरी तरह से ढक जाता है। इस प्रक्रिया को ही सूर्य ग्रहण लगना कहते है। पृथ्वी और सूर्य के बीच में चांद के आ जाने से पृथ्वी पर रोशनी नहीं पहुच पाती है। इस कारण कुछ समय के लिए पृथ्वी का कुछ सतह दिन के उजाले में ही अंधेरा दिखने लगता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी जब एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब सूर्य ग्रहण लगता है। इसके अलावा 25 अक्टूबर को भी अमावस्या है और सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दौरान ही लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन तरह के होते हैं सूर्य ग्रहण
अगर आपको ये बात नहीं पता तो हम आपको बताते हैं कि सूर्य ग्रहण एक नहीं, बल्कि तीन प्रकार के होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण।
पूर्ण सूर्यग्रहण
एक सीधी रेखा में जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी होते हैं तब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है। ये सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण से बिल्कुल अलग होता है। पूर्ण सूर्यग्रहण की स्थिति तब बनती है, जब पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में तब्दील हो जाता है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट होता है। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्ण सूर्यग्रहण हर 100 साल में केवल एक बार ही होता है। आठ अप्रैल, 2024 को पूर्ण सूर्यग्रहण लगने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वलयाकार सूर्य ग्रहण
चंद्रमा जब पृथ्वी से दूर होता है तब वलयाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है। इस दौरान सूर्य रिंग आफ फायर जैसा प्रतीत होता है और आकार में भी छोटा दिखाई देने लगता है।
अग्नि वलय सूर्यग्रहण
अग्नि वलय, सूर्य ग्रहण के दौरान बनता है। सूर्य का केंद्र चंद्रमा से ढक जाता है। उससे सूर्य का केवल किनारा ही दिखाई देता है और ऐसी स्थिति में सूर्य का बाहरी किनारा बिल्कुल आग के छ्ल्ले जैसा दिखाई देता है। इसी को अग्नि वलय कहते हैं। बता दें कि सभी सूर्य ग्रहणों में अग्नि वलय का निर्माण नहीं होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन देशों में नजर आया सूर्यग्रहण
दरअसल, पूर्ण सूर्य ग्रहण संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण में टेक्सास से लेकर उत्तर पूर्व में मेन तक दिखाई दिया। वहीं मियामी में आंशिक ग्रहण रहा, जिससे सूर्य की डिस्क का 46 भाग अस्पष्ट हो गया। सिएटल में चंद्रमा मुश्किल से सूर्य का लगभग 20 प्रतिशत भाग ही ढक पाया। मैक्सिको, सिनालोआ, नायरिट, डुरांगो और कोहुइला, यूएस के टेक्सास, ओक्लाहोमा, अर्कांसस, वर्मोंट, न्यू हैम्पशायर , मेन और कनाडा के ओंटारियो, क्यूबेक, न्यू ब्रंसविक, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड, नोवा स्कोटिया और न्यूफाउंडलैंड में इसे अच्छे से देखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्कूलों में घोषित की गई है छुट्टी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सूर्य ग्रहण की वजह से सौर एनर्जी प्रॉडक्शन को ज्यादा नुक्सान पहुंचा सकती है। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में सात साल से कम समय में दूसरा सूर्य ग्रहण था। इसके चलते हेज काउंटी, डेल वैले, मनोर और लेक ट्रैविस स्कूल जिलों ने पहले ही छुट्टी घोषित कर दी गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकारियों की चिंता
अमेरिका में यह उम्मीद जताई जा रही थी कि लाखों लोग सूर्य ग्रहण को देखेंगे। इससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी। अधिकारियों ने लोगों को ट्रैफिक जाम के प्रति आगाह किया। साथ ही यह सलाह भी दी है कि वे सीधे सूर्य की ओर देखने से बचें। क्योंकि इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा भारी भीड़ को लेकर भी काफी चिंताएं थी। क्योंकि इससे स्थानीय संसाधनों और आपातकालीन कर्मियों पर दबाव पड़ने की उम्मीद थी। इसलिए अमेरिका में स्कूलों ने पूर्ण सूर्य ग्रहण पर बंद रखने की घोषणा की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कभी अपनी नंगी आंखों से ना देखें सूर्य ग्रहण
ग्रहण के समय सूर्य को देखने के लिए एक सोलर फिल्टर का उपयोग करना चाहिए। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए आपको काफी सावधानी की जरूरत है। आपको ग्रहण देखने के लिए स्पेशल चश्मा पहनना या दूरबीन में सौर फिल्टर लगाकर देखना ज्यादा बेहतर होगा। हालांकि, जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगे तो आप सूरज को नंगी आंखों से देख सकते है, लेकिन इसका रिस्क मत उठाएं। किसी तकनीकी तथा यंत्रों का इस्तेमाल करें और तभी सूरज को देखें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। नंगी आखों से अगर आपने उस दिन सूरज देखा तो आपके रेटिना में जलन हो सकता है। यहां तक की आप अंधे भी हो सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छोटी सी गलती हो सकती है खतरनाक
नेशनल एरोनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान की गई छोटी सी गलती खतरनाक रूप ले सकती है। कई मामलों में इससे होने वाले नुकसान को डॉक्टर भी पहले की तरह ठीक नहीं कर पाते। मगर एक तरीका ऐसा भी जिससे आप बिना किसी चश्मे के सूर्य ग्रहण देख सकते हैं। आइए आंखों से जुड़ी सभी सेफ्टी टिप्स जानते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नॉर्मल सनग्लास से देखने की गलती
सोलर एक्लिप्स को देखने के लिए लोग नॉर्मल डार्क सनग्लास लगा लेते हैं। नासा के मुताबिक यह गलती आपकी आंखों को अंदर से गंभीर जला सकती है। हमेशा Solar Viewing Glasses का इस्तेमाल करें जो सामान्य काले चश्मों से हजार गुना डार्क होते हैं और खतरनाक किरणों को रोक सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चश्मे को चेक ना करने की गलती
ग्रहण देखने के लिए जो चश्मे आते हैं, उन्हें इस्तेमाल करने से पहले क्वालिटी जरूर चेक करनी चाहिए। अगर उसकी प्रॉटेक्टिव लेयर पर किसी तरह की डैमेज, खुरचन या कट है तो उसका उपयोग करना आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन चीजों से सूर्य ग्रहण देखने की गलती
ग्रहण वाला चश्मा लगाने के बाद बेफिक्र हो जाना भी गलत है। नासा कहता है कि एक्लिप्स ग्लासेस लगाने के बाद भी कैमरा लेंस, टेलीस्कोप या दूरबीन से ग्रहण देखने से आई डैमेज हो सकती है। ग्रहण के दौरान काफी वक्त सूरज का हिस्सा दिखता ही रहता है। इस वक्त हानिकारक किरणें इन तीनों चीजों से गुजरकर खतरनाक बन सकती हैं और एक्लिप्स ग्लासेस के फिल्टर को जला सकती हैं।
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