ग्राफिक एरा में कार्यशाला, विशेषज्ञों ने किया दावा, तीन साल में बदलेगा ट्रांजिस्टर का स्वरूप
देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञों ने कहा कि अगले तीन साल में ट्रांजिस्टर की क्षमता और आकार बदल जाएगा। फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत सीएमओएस उपकरणों और सर्किट डिजाइन चुनौतियों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर आईआईटी रुड़की के प्रो. सुदेब दासगुप्ता ने कहा कि आने वाले समय में फोर्कशीट और नैनोशीट ट्रांजिस्टर अपने बेहतरीन उपयोगों के चलते प्रचलन में रहेंगे। मॉसफेट और फिनसेट ट्रांजिस्टर के मुकाबले फोर्कशीट और नैनोशीट ट्रांजिस्टर का आकार छोटा हो जाएगा, बिजली की खपत कम होगी और घनत्व बढ़ेगा। इसके फलस्वरुप उनकी कार्य क्षमता और विश्वस्नीयता में बढ़ोतरी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने स्लाइड्स के जरिए ट्रांजिस्टर और सेमीकंडक्टर की कार्यप्रणालियों और विभिन्न उपयोगों पर भी प्रकाश डाला। इस मौके पर एन्टूपल टेक्नोलॉजीस के अनीश कुमार ने शिक्षक शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं को सर्किट बनाने के उपकरण, कैडेंस वर्चुओसो पर व्यावहारिक ज्ञान भी दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ने किया। कार्यक्रम में एचओडी डॉ. इरफानुल हसन, डॉ. वरुण मिश्रा, डॉ. विकास राठी, डॉ. शालिनी सिंह सहित अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।
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