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September 11, 2025

क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया का आयोजन देहरादून में, लेखन में नामी गिरामी हस्तियां करेंगी भागीदारी

देहरादनू में तीन से पांच नवंबर तक पहले क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया (CLFI) का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह का आयोजन देहरादून के जाने माने विद्यालय वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून में किया जाएगा। यह देश का इकलौता व पहला ऐसा साहित्य समारोह है, जो केवल अपराध से संबंधित किताबों एवं फिल्मों पर आधारित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समारोह में जानेमाने लेखक, फिल्म निर्माता, कलाकार और पुलिस अधिकारी भाग लेंगे। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य यह है कि नागरिक इसबात को जान सकें कि अपराध होने के पीछे कौन लोग हैं। अपराधियों की मानसिक स्थिति क्या होती है। वह यह जान सकें कि अपराध से निपटने के लिए क्या रणनीति कारगर हो सकती है। अपराध साहित्य को पढ़ने से अपराध से जुड़े कई प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं। साहित्यकार जब अपनी जानकारियों तो साझा करेंगे और पुलिस अधिकारी बताएंगे कि किस तरह जटिल और सनसनीखेज अपराधों की विवेचना की गई तो इसका लाभ समाज को भी होगा। नागरिक किस प्रकार पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों का सामना कर सकते हैं। इस पर भी प्रकाश डाला जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अपराध पर आधारित साहित्य आदिकाल से लिखा जा रहा है। हाल के दिनों में अनेक बहुचर्चित फिल्में और वेब सीरीज दर्शकों ने पसंद की है। फिल्म हस्तियों की मौजदूगी में जब लेखक अपनी किताबों की बात करेंगे तो इन दोनों के बीच बहुत उपयोगी सामंजस्य बनेगा। वास्तविक अपराध की घटनाओं पर आधारित पुस्तकें हों, या काल्पनिक कहानियां, यह फिल्मों के लिए अक्सर रोचक कथावस्तु साबित होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

समारोह में भाग लेने के लिए नामी गिरामी हस्तियां आ रही हैं। इसमें लेखकों में एम हुसैन जैदी (डांगरी टू दुबई, माफिया क्वींस ऑफ मुंबई, ब्लैक फ्राइड), किरन मनराल (द किटी पार्टी मर्डर, मिसिंग-प्रिज्यूम्ड डेज) और अनिर्बान भट्टाचार्य (द डेडली डज़न, इंडिआज़ मनी हाइस्ट) इत्यादि हैं। फिल्मों की दुनिया में आने वाले मेहमानो में राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत निर्देशक सुजॉय घोष (कहानी, जानेजान) और संजय गुप्ता (शूटआउट एट लोखंडवाला, आतिश, कांटे), अभिनेता अविनाश तिवारी (खाकीः द बिहार चैप्टर बंबई मेरी जान) और राजश्री देशपांडे (सेकेंड गेस्म, ट्रायल बाई फायर) आदि शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इनके साथ ही जाने-माने पुलिस अधिकारी जैसे कि विजय कुमार ( पूर्व डीजी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल एवं वीरप्पनः चेंजिंग द ब्रिगेड के लेखक), विभूति नारायण राय ( पूर्व डीजीपी एवं शहर में कर्फ्यू, रामगढ़ में हत्या के लेखक), आलोक लाल (पूर्व डीजीपी एवं द बाराबंकी नारकोज़, मर्डर इन द बाईलेंस और ऑन द ट्रेल ऑफ ठग्स एंड थीब्ज के लेखक), अशोक कुमार (डीजीपी उत्तराखंड एवं खाकी में इंसान और साइबर एनकाउंटर्स के लेखक), नीरज कुमार (पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर एवं अकॉप इन क्रिकेट, खाकी फाइल्स के लेखक), नवनीत सिकेरा (एडीजीपी) और अमित लोढ़ा (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एवं बिहारी डायरीज, लाइफ इन यूनिफॉर्म के लेखक)। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस साहित्य समारोह के डायरेक्टर भूतपूर्व आईपीएस आलोक लाल हैं। इस पहल को आकार देने में हंस फाउंडेशन (Hans Foundation ) एवं तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)ने बड़ा योगदान किया है। क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया उन सभी श्रोताओं के लिए है, जो अपराध संबधित साहित्य और फिल्मों में रुचि रखते हैं। जो श्रोता समारोह में आना चाहते हैं, वह नीचे दिए गए लिंक पर रजिस्टर करके समारोह में आने वाले वक्ताओं को सुन सकते हैं। https://crimeliteraturefestival.com/#registration
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Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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