दामाद प्रधानमंत्री, खुद की 775 करोड़ की प्रोपर्टी, 300 करोड़ की सालाना कमाई, फिर भी 24 साल से नहीं खरीदी साड़ी

इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी और ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास सुधा मूर्ति ने 18 अगस्त को जन्मदिन मनाया। वह किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। क्योंकि वर्तमान में सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन भी हैं। इसके साथ ही वह एक सोशल एक्टिविस्ट, टीचर, लेखक और परोपकारी भी हैं। आपको आश्चर्य होगा कि सुधा मूर्ति ने 24 साल से अपने लिए कोई साड़ी नहीं खरीदी। इसका कारण भी हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसा उन्होंने क्यों किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पद्मश्री और पद्म भूषण से हैं सम्मानित
सुधा मूर्ति को 2006 में सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्हें 2023 में इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। माधव ब्राह्मण परिवार में जन्मी सुधा मूर्ति एक सर्जन आरएच कुलकर्णी और उनकी पत्नी विमला कुलकर्णी की बेटी हैं। इंन्होंने इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति से शादी की। इनके दो बच्चे अक्षता और रोहन मूर्ति हैं। इनकी बेटी अक्षता मूर्ति का विवाह ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंजीनियर के रूप में शुरू किया करियर
सुधा मूर्ति ने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी. इंजीनियरिंग और एम. इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके साथ ही भारतीय विज्ञान संस्थान से कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली। 1996 में उन्होंने इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की थी, जो समाज के कल्याण के लिए काम करता है। वह टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) में नियुक्त होने वाली पहली महिला इंजीनियर भी रह चुकी हैं। इसके अलावा पुणे में एक डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में कंपनी में शामिल हुईं और फिर मुंबई और जमशेदपुर में भी काम किया है। वह एक लेखिका भी हैं। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अथाह संपत्ति की मालकिन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुधा मूर्ति की कुल संपत्ति 775 करोड़ रुपये है। ये उनकी किताबों और लघु कथाओं के साथ ही इंफोसिस फाउंडेशन से मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़ी है। उनकी सालाना कमाई 300 करोड़ रुपये बताई जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है 24 साल से साड़ी नहीं खरीदने की वजह
इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति के साड़ी नहीं खरीदने के पीछे भी एक वजह है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आखिरी बार साड़ी 24 साल पहले खरीदी। इसके बाद वह काशी गई। सुधा मूर्ति ने ही बताया कि जब आप काशी जाते हैं तो आपको वह चीज छोड़नी होती है, जिसका आप सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं। ऐसे में उन्होंने खरीदारी करना छोड़ दिया, खासकर साड़ियां। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुधा मूर्ति का कहना है कि वह केवल अब आवश्यक चीजें ही खरीदती हैं। वह सबसे ज्यादा किताबें खरीदती हैं और आवश्यक चीजों की खरीदारी करती हैं। उनके पास 20 हजार से ज्यादा किताबें हैं। सुधा मूर्ति अपनी बहन, परिवार के किसी सदस्य और दोस्तों से उपहार में मिली साड़ी को पहनती हैं।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।