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December 16, 2024

एक तरफ चक्रवाती तूफान, दूसरी तरफ भूकंप से दहला उत्तर भारत

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय की तबाही की आशंका से गुजरात में तटीय इलाके के लोग सहमे हुए हैं। इस बीच धरती में हुई हलचल से पूरा उत्तर भारत कांप उठा है। भूंकप के झटके भारत के साथ ही चीन और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। देश में दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, पंजाब से लेकर कश्मीर तक धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चीन, पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, दोपहर एक बजकर 33 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में 5.4 मापी गई। भूकंप के ये झटके पाकिस्तान के साथ ही चीन में भी महसूस किए। भूकंप का केंद्र डोडा, जम्मू-कश्मीर बताया जा रहा है। जहां चक्रवात को लेकर अगले 48 घंटे काफी अहम हैं। वहीं, इस तरह धरती कांपने के बाद अब लोगों के मन में आफ्टरशॉक का डर बना हुआ है। भूकंप के झटके लगभग 10 सेकंड तक महसूस किए गए। भूकंप का आक्षांस 33.15 और देशांतर 75.82 था। इसकी गहराई छह किलोमीटर थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभी टला नहीं है दोहरा खतरा
जिस तेजी से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय महातूफान में तब्दील हो रहा है उससे गुजरात में खतरा बना हुआ है। राज्य में सभी एजेंसियां हाईअलर्ट पर हैं। चक्रवात से खतरे को लेकर अगले 48 घंटे काफी अहम है। वहीं, भूकंप को लेकर भी खतरा अभी टला नहीं है। भूकम्प विज्ञान केंद्र के निदेशक ओपी मिश्रा ने साफ कहा है कि 4 से 4.4 रिक्टर पैमाने तक के भूकंप की दोबारा संभावना बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर में अभी भी लोग सदमे में हैं। यहां भूकंप की वजह से लोगों को घरों में दरारें आ गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में आ चुके हैं दो बड़े भूकंप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में दो बड़े भूकंप आ चुके हैं। इससे भूकंप के हलके झटके से ही लोग दहशत में आ जाते हैं। उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं भूकंप के कारण
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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