ग्राफिक एरा ने शुरू की किसानों के ट्रेनिंग, अब आर्किड भी बनेंगे राज्य के किसानों का सोर्स ऑफ इनकम
फलों के साथ अब फूल भी उत्तराखंड के किसानों की आय का स्त्रोत बनेंगे। उत्तराखंड में आर्किड फूल की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के किए देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज से किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी एक्सपर्ट किसानों को इस महंगे फूल की खेती करने की ट्रेनिंग देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तराखंड का मौसम आर्किड फूल की कैटल्या वेरियटी की खेती के लिए अनुकूल है। कैटल्या आर्किड का एक पौंधा किसानों को 1600 रुपए तक की आमदनी करा सकता है। वाइस चांसलर, डॉ नरपिंदर सिंह ने कहां कि उत्तराखंड के विकास के लिए जरूरी है कि यहां के किसान प्रगतिशील खेती करें। उन्होंने ग्राफिक एरा की किसानों के लिए शुरू की गई पहल की जानकारी देते हुए कहा कि ग्राफिक एरा पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों की मदद के लिए जल्द ही सेंटर्स खोलने जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने किसानों को आर्किड की कमर्शियल खेती की जानकारी के साथ पॉलीहाउस प्रबंधन के तरीकों का प्रशिक्षण भी दिया। प्रो. (ब्रिगेडियर) आर. पी. नौटियाल (से.नि.) ने किसानों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में आर्किड की बढ़ रही मांग की जानकारी दी। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आर्किड पर किए शोध के बारे में भी बताया। कल, एक्सपर्ट्स किसानों को आर्किड के अच्छे उत्पादन और रखरखाव की जानकारी देगं। डीन लाइफ साइंसेज, प्रो. प्रीति कृष्णा और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड, डॉ नवीन कुमार कार्यक्रम में उपस्थित रहे, आयोजन डॉ मनु पंत ने किया।
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