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November 11, 2024

तमिलनाडू सरकार ने काम के आठ घंटे से बढ़ाकर किए 12 घंटे, एआईटीयूसी ने की वापस लेने की मांग

तमिलनाडू सरकार ने काम के घंटे बढ़ाकर आठ से 12 घंटे कर दिए हैं। इसका एआईटीयूसी ने कड़ा विरोध किया है। साथ ही इसे वापस लेने की मांग की है। एआईटीयूसी की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर ने इस संबंध में बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि AITUC ने फैक्ट्री (तमिलनाडु संशोधन) विधेयक 2023 का विरोध करती है। साथ ही इसे खारिज किए जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कारखाने के श्रमिकों के दैनिक काम के घंटे को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रावधान है। विधान सभा में बिना किसी चर्चा के और ट्रेड यूनियनों के साथ कोई परामर्श किए बिना ही पारित कर दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीपीएम, सीपीआई (एम), कांग्रेस, वीसीके, एमडीएमके सहित डीएमके के साथ गठबंधन करने वाले राजनीतिक दलों के कड़े विरोध के बीच इसे विधानसभा में पारित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि विधेयक स्वयं यह निर्धारित करता है कि संशोधन कई उद्योगों और उनके संघों द्वारा किए गए अनुरोध के आधार पर लाया गया है। संशोधन नियोक्ता समर्थक, कॉर्पोरेट समर्थक और श्रमिक विरोधी है। इस संबंध में नियोक्ताओं को सशक्त बनाना और श्रमिकों के शोषण, स्वास्थ्य के लिए खतरा और मानसिक तनाव के अधीन सभी नियामक प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उन्हें पूर्ण अधिकार देना निंदनीय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि नियोक्ताओं को दी गई विधियों में किसी भी छूट का हमेशा श्रमिकों के हित के विरुद्ध दुरुपयोग किया जाता है। काम के घंटे बढ़ाने के संशोधन का वेतन और कर्मचारियों के काम करने की स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय संहिता पारित करने वाली मोदी सरकार ने श्रमिकों और ट्रेड यूनियनों के विरोध के कारण अभी तक इसे लागू नहीं किया है। जब यह स्थिति है तो हम यह समझने में विफल हैं कि डीएमके सरकार को विधानसभा में इस तरह के मजदूर विरोधी संशोधन को पारित करने की क्या आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि लंबे समय तक काम करने का हमेशा उम्र, लिंग आदि के बावजूद श्रमिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए श्रमिक और ट्रेड यूनियन इस प्रकार के कानूनों की अनुमति नहीं दे सकते हैं। एटक ऐसे किसी भी मजदूर विरोधी कदम का विरोध करना जारी रखेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि AITUC सभी श्रमिकों और विशेष रूप से तमिलनाडु के श्रमिकों और ट्रेड यूनियनों से राज्य स्तर पर और उद्योग स्तर पर भी संयुक्त कार्रवाई के माध्यम से ऐसे श्रमिक विरोधी कानूनों का एकजुट होकर विरोध और अस्वीकार करने की अपील करता है। AITUC बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों का आयोजन करके पूरे राज्य में अपनी सहज प्रतिक्रिया के लिए तमिलनाडु में अपने संबद्ध यूनियनों को बधाई देता है। डीएमके सरकार की मजदूर विरोधी कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमरजीत कौर ने कहा कि AITUC केंद्र तमिलनाडु के ट्रेड यूनियनों की ओर से 12 मई 2023 को एक दिन की हड़ताल में निरंतर विरोध कार्यक्रमों को देखने के लिए लिए गए संयुक्त निर्णय का भी पूरी तरह से समर्थन करता है। एटक ने डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा माने बिना तमिलनाडु फैक्ट्री नियमों में कर्मचारी विरोधी संशोधन को तुरंत वापस ले।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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