ललित मोहन गहतोड़ी की पिता को समर्पित एक प्रार्थना-श्री पिताजी नमः
श्री पिताजी नम
जयजय पिताजी नमः
बोलो श्री पिताजी नमः…
दिन भर करते मेहनत-2
चल देते अल सुबह।।
बोलो श्री पिताजी नमः … जयजय…
पूज्यनीय पिताजी, गाथा मुख मुखर।
बोलो गाथा मुख मुखर …
रातें जग जग काटते-2
बच्चों की खातिर।।
बोलो श्री पिताजी नमः … जयजय…
आलस देखा ना आप में, दिन को कोई पहर।
बोलो दिन को कोई पहर..
घर के पालनहारा -2
सुख लावे बेहतर।।
बोलो श्री पिताजी नमः … जयजय…
गुस्सा कभी ना करते, सुबह हो या दोपहर।।
बोलो सुबह हो या दोपहर…
मां के प्राण से प्यारे-2
सीधे और सरल।।
बोलो श्री पिताजी नमः … जयजय…
मुश्किल हालातों में रहते तुम तन्मय।
बोलो रहते तुम तन्मय…
चुपके सब सुन जाते-2,
झगड़ा हो कलह।।
बोलो श्री पिताजी नमः … जयजय…
जग में सबसे सुंदर, नाम पिताजी तुम्हारो।।
बोलो नाम पिताजी तुम्हारो…
जो मन सुमिर पिताजी -2
तर जावे भवसागर।।
बोलो श्री पिताजी नमः .. जयजय…
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




