Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 14, 2024

मंगल ग्रह से नासा के रोवर ने भेजी तस्वीरें, मिले प्राचीन जीवन जैसे निशान, देखिए तस्वीरें

1 min read

ब्रह्मांड में वैज्ञानिक सालों से जीवन की तलाश कर रहे हैं। अगर सौर मंडल में जीवन खोजने की बात की जाए, तो वैज्ञानिकों का सबसे पहला लक्ष्य मंगल ग्रह है। अब इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह की कुछ तस्वीरें भेजी हैं। क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा भेजी गईं यह तस्वीरें पत्थरों के अजीबोगरीब संरचना की हैं। मंगल ग्रह की तस्वीरों में पत्थरों की अंदरूनी बनावट दिखाई दे रही है जो पूर्व ऐतिहासिक काल के जानवरों के अवशेषों की तरह नजर आ रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जानवरों के कंकाल के अवषेष की तरह है बनावट
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर पत्थरों के अजीब संरचना की तस्वीरें खीचीं हैं। इन तस्वीरों में मंगल के पत्थरों की अंदरूनी बनावट को दिखाया गया है। ये बनावट पूर्व ऐतिहासिक काल के जानवरों के कंकाल अवशेषों की तरह दिखते हैं। क्यूरियोसिटी रोवर की इन तस्वीरों में चट्टान जैसी संरचना से बाहर निकली हुई स्पाइक्स का एक गुच्छा भी दिखाई दे रहा है। ये तस्वीरें मंगल ग्रह पर 154 किलोमीटर लंबे गेल क्रेटर के सतह पर ली गई थीं। इन तस्वीरों को कैद करने के लिए क्यूरियोसिटी रोवर ने मास्ट कैमरा और केमकैम का उपयोग किया था। अब इन तस्वीरों ने मंगल पर प्राचीन जीवन की उपस्थिति को लेकर एक बहस छेड़ दी है। नासा के मार्स साइंस लेबोरेटरी (MSL) मिशन के हिस्से के रूप में क्यूरियोसिटी रोवर अगस्त 2012 से गेल क्रेटर में घूम रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मछली के अवशेष जैसी बनावट
इन तस्वीरों को देखने वाले कुछ लोगों का मानना है कि यह एक मछली का अवशेष है। जबकि, कई अन्य का मानना है कि यह एक देवदार के पेड़ की शाखा जैसा दिखता है। हालांकि, एक बात सुनिश्चित है, जो सभी लोग मान रहे हैं कि ये तस्वीरें अविश्वसनीय हैं। गेल क्रेटर के कुछ पत्थरों में हड्डी जैसी संरचना भी पाई गई है। गेल क्रेटर की खोज से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मंगल ग्रह पर कभी पानी के बड़े-बड़े तालाब थे। यह भी संभावना है कि इसकी सतह के नीचे आज भी कुछ पानी छिपा हो सकता है। गेल क्रेटर मंगल ग्रह पर मौजूद सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसकी उत्पत्ति 3.5 से लेकर 3.8 अरब साल पहले की बताई जा रही है। गेल क्रेटर जो कभी झील हुआ करती थी, वो अब 154 किलोमीटर चौड़ा एक गड्ढा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

क्यूरियोसिटी रोवर का मिशन
क्यूरियोसिटी रोवर के मिशन के उद्देश्यों में मंगल ग्रह के पर्यावरण और भूविज्ञान का अध्ययन करने के साथ-साथ जीवन की उपस्थिति के सबूत खोजना भी है। यह रोवर लगातार मंगल की सतह से अजीबोगरीब चीजों की तस्वीरें भेज रहा है। खगोल विज्ञानी नथाली ए. कैबरोल ने ट्विटर पर इसका एक स्नैपशॉट पोस्ट करते हुए कहा कि मंगल ग्रह का अध्ययन करने के 20 वर्षों में यह अब तक की सबसे विचित्र चट्टान है।” बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह विश्वास है कि मंगल पर कभी जीवन हुआ करता था, हालांकि वर्तमान में उनके चुनिंदा सबूत ही मौजूद हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

पहले भी तस्वीरें भेज चुका है रोवर
यह पहली बार नहीं है जब क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह से अजीबोगरीब तस्वीर को पृथ्वी पर भेजा है। पिछले साल जून में रोवर ने मंगल की सतह से बाहर निकलने वाली कई विचित्र घुमावदार संरचनाओं की खोज की थी। इन्हें अब प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले स्तंभ माना जाता है जिन्हें हूडू कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ये स्तंम्भ करोड़ों साल से मंगल की सतह पर मौजूद हैं। ये नरम चट्टानों से मिलक बनी हैं, जो समय के साथ खंबे की तरह दिखने लगी हैं। रोवर ने फरवरी 2022 में गेल क्रेटर में एक कोरल-जैसे ‘फूल’ का एक स्नैपशॉट प्राप्त किया, लेकिन वास्तव में यह जमा हुआ खनिज था।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *