हरीश रावत ने विपक्षी दलों के नेताओं को दी ये सलाह, साथ ही कहा माल्टे का भी ख्याल रखना
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए विपक्ष के नेताओं को सलाह दे डाली। उन्होंने सलाह दी कि इस बार किसानों, बेरोजगारों का मुद्दा सनद में उठाएं। साथ ही कहा कि मेरे माल्टे का भी ख्याल रखना। हरीश रावत सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को लेकर हर दिन चर्चा पर रहते हैं। आज भी उन्होंने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर पोस्ट डाली। साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं को मुद्दे गिनाकर उन्हें उठाने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर से प्रस्तावित है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पंजाब प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने आज पोस्ट डाली कि-ज्ञात हुआ है कि विधानसभा का सत्र 21 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इस वर्ष के अवसान से पहले हो रहा ये विधानसभा का सत्र। उन्होंने कहा कि ये सत्र- नौजवान और किसान को समर्पित होना चाहिये। प्रतिपक्ष के दोस्त यकीनन नौजवानों में जो बेरोजगार हैं और जिस तरीके से राज्य व देश में किसान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, उसको उठाएंगे। नौजवान व किसानों की साथ हमारे राज्य के लोकतांत्रिक ताकतों की एकजुटता जाहिर करेंगे।
हरीश रावत इन दिनों पर्वतीय क्षेत्र में पैदा होने वाले माल्टा को लेकर भी चिंतित हैं। इसे लेकर भी उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से अनुरोध करते हुए आगे लिखा कि- और जितना समय बच जाए, कुछ और चीजें उठाई जा सकें, तो मेरे माल्टे का भी ख्याल रखें।
हरीश रावत को माल्टे की ये है चिंता
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में हरीश रावत माल्टे को लेकर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। इससे संबंधित पोस्ट में उन्होंने माल्टे की कुछ फोटो भी शेयर की थी। इसके साथ ही लिखा कि- माल्टे की बेकद्री से मैं बहुत चिंतित हूं। हमारा माल्टा, संतरा और नींबू बहुत स्वादिष्ट हैं। लोगों से कहा जा रहा है कि आप तीन रुपये किलो नींबू व 7 रुपया किलो माल्टा बेचो। वो भी खरीद केंद्र पर खरीदा जायेगा। जितना मूल्य नहीं मिलेगा उससे ज्यादा ढुलाई लग जायेगी।
उन्होंने आगे लिखा था- राज्य सरकार या तो ढुलाई के दाम भी खुद दे। साथ ही ये सुझाव दिया कि- और मेरा सुझाव है कि यदि खरीद मूल्य घोषित भी कर दिया है, तो नींबू व माल्टा पर 2-3 रुपया बोनस प्रति किलो के हिसाब से दीजिये। जिससे कम से कम माल्टा और नींबू पैदा करने वाला काश्तकार कुछ तो राहत महसूस करे और आगे नींबू व माल्टे लगायेगा।
हरीश रावत ने चेताया था कि- यदि ऐसा ही हिसाब रहा तो जिन लोगों ने नींबू व माल्टा का पेड़ कहीं लगाया भी होगा, तो उसे भी उखाड़ कर फेंक देंगे। उन्होंने लिखा था- और मैं राज्य सरकार को यह भी सुझाव दूंगा कि नींबू, माल्टा व संतरे का जो रस बनाकर के उसकी प्रोसेसिंग करने वाले लोग हैं, उनको भी प्रोत्साहित करिये। ये काम जो लोग कर रहे हैं, उन तक पहुंचिये और उनसे कहिये कि आप खरीदो और सरकार की तरफ से आपको प्रोत्साहन दिया जायेगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।