जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन, अंकिता भंडारी हत्याकांड की हो सीबीआइ जांच

उन्होंने कहा कि विगत दिनों क्षेत्रवासियों ने अपना विरोध जताने के लिए महापंचायत का भी आयोजन किया है। इसमें उन्होंने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण या एरोसिटी के निर्माण के लिए जमीन न देने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों की इस मांग का हम भी समर्थन करते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि टिहरी बांध के निर्माण के लिए टिहरी के लोगों ने अपने पुरखों की बेशकीमती जमीन घर बार सब कुछ त्याग किया। 1980 में उन्हें उनके मूल गांवों से विस्थापित कर यहां बसाया गया था। इसके बाद 2003-04 में हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए एक बार फिर हटाया गया और अब 2022 में फिर से क्षेत्र के लोग उजड़ने के डर से आशंकित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार यदि देहरादून हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहती है तो उसके लिए उस विकल्प पर काम किया जाए। इससे किसी को बेघर न होना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अपनी निजी भूमि व भारी मात्रा में जंगल क्षेत्र मौजूद है। पूर्व में उसका सर्वे भी किया जा चुका है। यदि हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जंगल की ओर किया जाता है तो सरकार को इसके लिए न तो किसी को विस्थापित करना पड़ेगा और ना ही किसी प्रकार का मुआवजा देना पड़ेगा। इससे क्षेत्र के सैकड़ों वे दुकानदार होटल मालिक, ढाबे वाले भी बच जाएंगे। करन माहरा ने कहा कि हमारी सरकार से गुजारिश है कि सरकार टिहरी बांध विस्थापित और जौलीग्रांट क्षेत्र के लोगों की जमीन की बजाय विस्तारीकरण के लिए जंगल वाला विकल्प अपनाएं। ताकि जन भावनाएं भी आहत न हों और विकास का कार्य बदस्तूर आगे बढ़े। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार और पुलिस से जनता का उठ चुका है विश्वास
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी चेहरे का बचाव कर सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। पुलिस प्रशासन से जनता का विश्वास उठ चुका है। पीडिता के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए इस मामले की सीबीआई जांच जरूरी है। एक बयान जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दबाव में पुलिस एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है। वीआईपी के नाम का खुलासा करने की बजाय उसके बचाव का षडयंत्र कर जनता को गुमराह कर आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में किस वीआईपी चेहरे का बचाव किया जा रहा है इसका खुलासा होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन द्वारा पहले दिन से ही लीपापोती का काम किया जा रहा है। भाजपा नेता से जुड़े होने के कारण पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखने में जानबूझकर देरी की गई। मामले को लटकाने के लिए नियमित पुलिस और राजस्व पुलिस के बीच मामले को उलझाने का काम किया गया। हत्याकांड के एक सप्ताह तक भी दोषियों की गिरफ्तारी नहीं की गई और गिरफ्तारी के बाद दोषियों की कई दिन तक पुलिस रिमांड भी नहीं ली गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हत्याकांड के सबूत मिटाने की नीयत से रिसार्ट में तोड़फोड़ व आगजनी करवाना, पीड़िता के बिस्तर को स्वीमिंग पूल में डालना, पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा पहले तोड़फोड की अनुमति से इंनकार करना तथा बाद में किसके दबाव में अपना बयान बदलना पुलिस जांच पर सवाल खडे करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक की अंकिता भंडारी के पिता के बीच हुई वार्ता को बिना सहमति के सार्वजनिक करना। पुलिस के आला अधिकारियों के बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि हत्याकांड से जुडे तथ्यों की फारेंसिक जांच के लिए जरूरी सबूत जुटा लिये गये हैं। आग लगने और डोजर चलाने से जांच में कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके बाद अग्निकांड और तोड़फोड़ में सारे सबूत नष्ट करने के उपरान्त घटना स्थल पर पुलिस टीम की ओर से सबूतों की खोज करना आपस में विरोधाभाषी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री की ओर से विधानसभा सदन को गुमराह करते हुए वीआईपी के बारे में दिया गया बयान हास्यास्पद ही नहीं जघन्य हत्याकांड के इस मामले को सरकारी संरक्षण की ओर भी इशारा करता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील एवं जघन्य हत्याकांड में दो महीनों में चार्जशीट दाखिल होना जैसे कई अनसुलझे सवाल हैं, जो प्रदेश की जनता के दिल में तीर की भांति चुभ रहे हैं। इसका कांग्रेस पार्टी ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता सरकार से जवाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में राज्य पुलिस की कार्य प्रणाली पहले दिन से ही संदिग्ध बनी हुई है तथा जनता को पुलिस से विश्वास उठ चुका है। इसलिए कांग्रेस पार्टी लगातार अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग करती आ रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी तथा प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार पुलिस की ओर से सरकारी दबाव में पहले दिन से ही रवैया अपनाया गया है, उससे न केवल राज्य में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है अपितु राज्य में अपराध का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि राज्य में रोज नये-नये अपराध के मामले सामने आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड में अहम सुराग जिसके आधार पर मामला खुलने में मदद मिली, उसी अपने वाट्सअप मैसेज में अंकिता भंडारी ने वीआईपी के नाम का उल्लेख किया है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उस वीआईपी तथा स्पेशल सर्विस का क्या अर्थ है? उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए, ताकि पीड़िता के परिवार को न्याय मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया था।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।