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November 7, 2024

देखें वीडियोः क्रुद्ध रावण ने चलाए अग्निवाण, मची भगदड़, कहीं रावण ने ना जलने की ठानी, दुर्गा विसर्जन के दौरान बाढ़ में आठ मरे, कई लापता

बुधवार पांच अक्टूबर को देशभर में दशहरा पर्व मनाया गया। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पर्व के दिन जहां उत्तराखंड के देहरादून में भारी बारिश हुई और कई स्थानों पर रावण पर आग लगाने में पापड़ बेलने पड़ गए। वहीं, मुजफ्फरनगर में तो सबकुल उल्टा पुलटा हो गया। क्रोधित रावण ने दर्शकों की भीड़ पर अग्निवाण छोड़ दिए। इससे क्या पुलिस और क्या आम दर्शक, सभी में भगदड़ मच गई। वहीं, पश्चिम बंगाल में दुर्गा विसर्जन के दौरान नदी में अचानक बाढ़ आने से आठ लोगों की डूबने से मौत हो गई। साथ ही गई लोग लापता बताए जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रावण ने दिखाया कोप, लोगों में मची भड़गड़
मुजफ्फरनगर में रावण दहन के दौरान अनोखा ही नजारा देखने को मिला। रावण के पुतले में आग लगाए जाने को लेकर लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। बारिश जैसी स्थिति न होने के कारण लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। निर्धारित समय पर रावण के पुतले में आग लगाई गई। इसके बाद जो कुछ हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। रावण के पुतले से ऐसे पटाखे छूटे कि मौके पर मौजूद भीड़ में भगदड़ मच गई। अब सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर का क्रोधित रावण चर्चा में आ गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लोगों की तरफ छूटते रॉकेट और आतिशबाजी को लोगों ने रावण का अग्निबाण बता दिया। सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि आग लगाए जाने से क्रोधित रावण ने जमकर अग्निबाण चलाए हैं। कई स्थानों पर रावण के जलने की जगह बारिश से गलने की सूचनाएं भी आ रहाी हैं। ऐसे में रावण के इस क्रोधित रूप की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है। यह वीडियो खासा वायरल हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देखें वीडियो रावण का क्रोधित रूप

देहरादून में बारिश ने किया मजा किरकिरा
लोकसाक्ष्य की ओर से पिछले कई दिनों से मौसम संबंधित समाचार में जानकारी दी जा रही थी कि दशहरे के लिए उत्तराखंड के देहरादून सहित कई जिलों में बारिश की संभावना है। हालांकि, पांच अक्टूबर की सुबह मौसम विभाग ने देहरादून में बारिश की संभावना नहीं जताई थी और हुआ इसके ठीक उलट। दोपहर बाद करीब तीन बजे से ही देहरादून में बारिश का दौर ऐसा चला, जो रुक रुककर देर रात तक जारी रहा। ऐसे में कहीं रावण आसानी से जल गया तो कहीं रावण ने ना जलने की ठान ली। ऐसे में आयोजकों के गीले रावण को जलाने में पसीने छूटते नजर आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

परेड मैदान में लंका की दीवार गिरी
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड मैदान में भी दशहरा मेला देखने को भीड़ उमड़ी। निर्धारित समय शाम छह बजकर पांच मिनट पर देहरादून के परेड ग्राउंड में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों के साथ ही लंका दहन किया गया। परेड ग्राउंड में खड़े पुतले के बाहरी सतह पर कपड़े की वजह से पानी नहीं पहुंचा और भीगने से बच गए। ऐसे में यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाीद के पुतले आसानी से जल गए। वहीं, मोटे कागज से बनाई लंका गीली हो गई और इससे बनाई दीवार नीचे गिर गई। इसके बाद आयोजक समिति ने दोबारा से लंका की दीवार को खड़ा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जब रावण ने ठानी, नहीं जलूंगा
वरिष्ठ पत्रकार एवं उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल ने सोशल मीडिया में रावण दहन की पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने बताया कि देहरादून में सजग सांस्कृतिक समिति (इंदिरा नगर) हर साल सीमाद्वार के नज़दीक दशहरा पार्क में रावण दहन करती है। साल-2019 के बाद दो वर्ष कोविड की वजह से आयोजन नहीं हुआ। इस वर्ष हुआ, लेकिन ऐनवक्त पर रावण महाशय धोखा दे गए। दरअसल, इस क्षेत्र में दोपहर बाद बारिश हुई तो रावण भीग गया। शाम 7 बजे रावण दहन तय था, लेकिन पुनः बारिश शुरू हुई तो अफरातफरी में करीब 15 मिनट पहले पौने 7 बजे ही लंका और रावण को आग लगा दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आग लगते ही बुझ गई। आधा घन्टे बाद तक कई प्रयास हुए, मगर मजाल क्या जो रावण या लंका जलने को तैयार हों। आखिर सवा 7 बजे रावण पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाई गई। किसी तरह आग पकड़ी और रावण का बाहरी आवरण जल गया, लेकिन मुंह समेत बाकी ‘शरीर’ फिर भी न जला। लंका भी आधी-अधूरी ही जल पाई। आधा-पौन घन्टे बाद भी रावण और लंका दहन आधा-अधूरा रहने से बोर हो चुकी अधिकांश लोगों की भीड़ मैदान से रुखसत हो चुकी थी। वहीं, आयोजक रावण और लंका को फूंकने का प्रयास करते हुए इसके बाद भी पसीना बहाते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

दुर्गा विसर्जन के दौरान हादसा, बाढ़ में आठ की मौत
विजयदशमी के अवसर पर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में माल नदी में देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान अचानक आयी बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की डूबने से मौत हो गई तथा कई अन्य लापता हैं। घटना के वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग माल नदी के तट पर विसर्जन के लिए एकत्र थे। जलपाईगुड़ी की जिलाधिकारी मोमिता गोदरा ने पीटीआई/भाषा से कहा कि अचानक आयी बाढ़ में लोग बह गए। अभी तक आठ शव बरामद हुए हैं और हमने करीब 50 लोगों को सुरक्षित निकाला है। उन्होंने कहा कि खोज और बचाव अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटा हुआ है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई दुर्घटना से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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