उत्तराखंड में वन विकास निगम के मुख्यालय पर राज्यकर्मियों ने किया प्रदर्शन, आंदोलन तेज करने की चेतावनी
इस मौके पर आयोजित सभा की अध्यक्षता रमेश जुयाल ने की एवं संचालन टीएस बिष्ट ने किया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में निगम कार्मिकों को सरकार व शासन की ओर से सदैव दोयम दर्जे का कार्मिक समझा जाता है। इसके कारण उन्हें अपनी सेवा करने के उपरान्त भी राज्य कर्मिकों की भांति सेवा सम्बन्धी लाभ में वेतन, मंहगाई भत्ता, गोल्डन कार्ड इत्यादि की सुविधायें या तो प्राप्त ही नहीं हो पाती हैं, अथवा अत्यन्त संघर्ष के बाद प्राप्त होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि निगम कार्मियों को भी राज्य कर्मियों की भांति समस्त सेवा सम्बन्धी लाभ प्रदान किये जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी निगम महासंघ ने प्रदेश के समस्त कार्मिकों के लम्बित समस्याओं के निराकरण की मांग उठाई है। इसके लिए प्रदेश के 10 मान्यता प्राप्त परिसंघों के साथ एक मंच पर आकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का गठन किया है। वक्ताओं ने कहा कि समन्वय समिति ने प्रदेश के फील्ड कर्मचारियों से लेकर मिनिस्ट्रीयल, चतुर्थ श्रेणी, वाहन चालक, डिप्लोमा इंजिनियर इत्यादि समस्त कार्मिकों के मान्यता प्राप्त संगठनों ने एकत्र होकर 20 सूत्रीय मांगपत्र तैयार कर शासन व सरकार को प्रेषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शासन व सरकार के स्तर पर कार्यवाही न होते देख समन्वय समिति की ओर से तीन चरण का आन्दोलनात्मक कार्यक्रम अपनी मांगों के समर्थन में जारी है। साथ ही पुनः सरकार व शासन को आन्दोलन का नोटिस भेज दिया गया है। वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने वेतन समिति द्वारा कार्मिकों के विरूद्ध दिये गये सुझाव ग्रेड पे को डाउन ग्रेड करने को तत्काल लागू करने के लिए कैबिनेट के स्तर से निर्णय पारित करा दिया। संज्ञान में आया है कि वेतन समिति द्वारा कार्मिकों को लाभ पहुचाने वाले सुझावों को सरकार के द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी प्रकार सरकार द्वारा समन्वय समिति के साथ पूर्व में किये गये समझोतों के आधार पर कार्यवाही करने के निर्णय पर आज तक कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे प्रदेश के कार्मिकों को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रकरण ठंडे बस्ते में पडे हुए हैं। गेट मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि निगम कार्मिक भी अपनी मांगों को लेकर समन्वय समिति द्वारा घोषित आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करेगें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान की अनुमन्यता, पूरे सेवा काल में एक बार पदोन्नति के लिए शिथिलीकरण की देयता इत्यादि मांगों को गिनाया गया। वक्ताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की कि समन्वय समिति की ओर से प्रस्तुत मांगपत्र में उल्लेखित मांगों के समाधान के लिए शासन के अधिकारियों को तत्काल निर्देशित करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज की गेट मिटिंग में अरूण पांडे, एसएच चौहान, दिनेश गुसांई, बीएसरावत, दिनेश पंत, राकेश पेटवाल, मेजपाल सिंह, दिवाकर शाही, शान्तुन शर्मा, सुभाष देवलियाला, अशोक राज उनियाल, गुड्डी मटुडा, रविन्द्र चौहान, सुधा कुकरेती, उमा द्विवेदी, विक्रम सिंह रावत, राकेश ममगाई, प्रेम सिंह रावत, अनिल बिष्ट, अश्वनी त्यागी, जेपी भट्ट आदि कर्मचारी नेताओं ने अपने विचार रखे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।