हर किसान को सम्मान निधि से जोड़ने का प्रयास करें पंचायत प्रतिनिधि: महाराज

पंचायततीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि भारत सरकार की ओर से किसान भाई-बहनों के लिए आर्थिक सहायता सीधे उनके खाते में पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लागू की गयी। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रत्येक वर्ष 6000 रुपये (प्रति चार माह में रू. 2000) किसान सम्मान निधि/पेंशन के तौर पर दी जाती है। यह योजना उन सभी किसानों के लिए है, जिनका नाम खेती वाली जमीन के रिकार्ड में दर्ज है। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनके परिवार का कोई व्यक्ति सरकारी सेवा के उच्च पदों पर ना हो और इनकम टैक्स के दायरे में ना आता हो। ऐसे सभी किसान लाभ प्राप्त करने के लिए स्वयं ऑनलाइन पीएम किसान पोर्टल एवं नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराज ने कहा कि भारत सरकार ने किसान की सही जानकारी हासिल करने के लिए ईकेवाईसी को अनिवार्य किया है। ईकेवाईसी न होने पर किसान को मिलने वाली पेंशन रूक सकती है। इसलिए मेरा उत्तराखण्ड के समस्त पंचायत जनप्रतिनिधियों से अनुरोध है कि आजादी के अमृत महोत्सव पर 15 अगस्त 2022 तक आप सभी अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” के तहत हर किसान की ईकेवाईसी के लिए जागरूक करने में अपना सहयोग दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्हें बताया कि हर किसान भाई-बहन डिजिटल इंडिया का लाभ उठाकर अपने नजदीकी सीएससी सेन्टर या स्वयं पीएम किसान पोर्टल पर ईकेवाईसी पर क्लिक करके अथवा तहसीलों में लगाये जा रहे कैम्पों में जाकर ईकेवाईसी करें। उन्होने प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों आह्वान करते हुए उनसे अपील की है कि हमारे उत्तराखंड का कोई भी किसान, आजादी के अमृत महोत्सव तक, किसान सम्मान निधि की ईकेवाईसी से ना छूटे ऐसा हम सबका प्रयास होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में जितना बलिदान हमारे वीर महानायकों का रहा है। उससे कई ज्यादा योगदान हमारे किसानों का भी रहा है। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव पर “हर घर तिरंगा अभियान” के साथ-साथ हमें “हर किसान को सम्मान निधि” से जोड़ने का प्रयास भी करना है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।