उत्तराखंड में पेपर लीक होना आम बात, नुकसान होने के बाद ही क्यों जागती है सरकार: आप
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने कहा कि राज्य में भर्ती परीक्षाओं में पेपल लीक होना अब आम बात होने लगी है। वहीं, ऐसे घपले के मामलों में सरकार भी देरी से जागती है। पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र आनंद ने कहा कि इससे पूर्व भी यदि हम इतिहास उठाकर देख लें, तो जितनी भी परीक्षाएं आयोजित की गई चाहे वह लोक सेवा आयोग की हो यह किसी अन्य भर्ती की। पेपर लीक आम बात हो गई है। इसके बाद भी प्रदेश के साइबर सिक्योरिटी सेल या अन्य विभाग द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई। ना ही इस पर ठोस कार्यवाही ना होती दिखाई दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)गौरतलब है कि उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की पिछले साल हुई स्नातक स्तर की परीक्षा में स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले छह युवकों को हाल ही में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारी अलग-अलग जगहों से की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। इस मामले में बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई थी। इसमें अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर युवाओं ने कार्रवाई की मांग की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग परीक्षा में घपले की शिकायत मामले में जांच के आदेश देने वाली बात पर आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र सिंह आनंद में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की उत्तराखंड सरकार जब तक कोई बड़ा नुकसान ना हो उससे पहले नहीं जागती है। आनंद ने कहा कि ने कहा कि यह डिजिटल युग है और हमें अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। आज हमें हर कदम फूंक-फूंक के रखने की जरूरत है। जब हमें यह पता है कि पर्चे लीक होना आम बात होती जा रही है यूनिवर्सिटीज में भी परीक्षा के पर्चे लीक होना आज आम बात हो गई है तो ऐसे में हमारी सरकार को भी हाईटेक होने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि बार-बार पर्चे लीक होने की वजह से आवेदकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार देखने में आया है कि आवेदनकर्ता का यह आवेदन का आखरी साल होता है और पर्चा लीक होने की वजह से प्रक्रिया आगे खिसका दी जाती है। उसका वह साल बर्बाद हो जाता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह कोई ठोस कदम उठाएं और जल्द से जल्द इसका कोई निष्कर्ष निकाले।




