पदमश्री डॉ. बीकेएस संजय के काव्य संग्रह का मुख्यमंत्री धामी ने किया लोकार्पण
पद्म डॉ. बीकेएस संजय की प्रथम काव्य संग्रह पुस्तक ‘उपहार संदेश का’ का लोकार्पण उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। हालांकि, इससे पहले डॉ. संजय अपने इस प्रथम काव्य संग्रह की प्रथम प्रति भारत के उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू को भेंट कर चुके हैं। यह काव्य संकलन भारतीय ज्ञानपीठ की ओर से प्रकाशित किया गया है। इसकी भाषा की सरलता पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है और वास्तविकता के बीच प्रकृति, प्रेम, संबंध, विज्ञान और मातृत्व से हमारा परिचय कराती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)डॉ. संजय ने कविता के रूप में ‘उपहार संदेश का’ के बारे में बताया कि इस संग्रह की सभी कविताओं के पीछे एक कहानी है और आगे एक संदेश है। उन्होंने बताया कि इसकी खासियत ये है कि कवि कहीं शिक्षक, कहीं मनोवैज्ञानिक और कहीं समाजशास्त्री तो कहीं आध्यात्मिक पुरूष दिखायी देता है। इसमें डॉ. संजय ने अपनी कविता ‘सपने हमारे और आपके’ के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को धन्यवाद एवं शुभकामानाएं दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डॉ. संजय के प्रथम काव्य संकलन के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस कार्यक्रम में डॉ. संजय के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’, शायर एवं उद्योगपति डॉ. एस. फारूख, साहित्यकार डॉ. मुनिराम सकलानी ‘मुनिन्द्र’, कवि श्रीकांत शर्मा ‘श्री’, साहित्यकार डॉ. सत्यानन्द बडोनी, भावना संजय, डॉ. प्रतीक संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय, ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. गौरव संजय एवं सोनिया रावत मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. संजय के बारे में
देहरादून निवासी डॉ. बीकेएस संजय बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। जो चिकित्सीय कार्य एवं समाज सेवा कार्यों के लिए जाने जाते हैं। डॉ. संजय न केवल अच्छे सर्जन एवं समाज सेवक हैं, बल्कि वह उच्च कोटि के लेखक, वक्ता एवं कॉलमनिस्ट हैं। डॉ. संजय का कविता के बारे में रूचि और काव्य संग्रह का संकलन एक सर्जन के लिए अनोखा काम है। डॉ. संजय अपने हाथों से सर्जरी के क्षेत्र में ही सर्जन का काम ही नहीं करते, बल्कि वह शब्दों का भी अच्छे ढ़ंग से सृजन करते हैं। जिसको उनके काव्य संग्रह में अच्छे ढ़ंग से दर्शाया गया है।




