Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 23, 2024

हारने पर भी इतिहास बना गए यशवंत सिन्हा, राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में तीसरे सबसे अधिक वोट पाने वाले विपक्ष के प्रत्याशी

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने भारी मतों से विजय हासिल की, लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया।

जब मुकाबला होता है तो ये तय होता है कि एक जीतेगा और दूसरा हारेगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये होती है कि हार का अंतर क्या है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने भारी मतों से विजय हासिल की, लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया। 36 प्रतिशत वोट हासिल करने वाले यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में तीसरे सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत पाने वाले विपक्ष के उम्मीदवार बन गए हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट करके उक्त बात कही है। उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि ऊर्जा, दृढ़ विश्वास और अनुग्रह के साथ लड़ी गई लड़ाई के लिए यशवंत सिन्हा को प्रणाम। 36 प्रतिशत वोटों के साथ सिन्हा जी राष्ट्रपति चुनाव इतिहास में तीसरे सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले विपक्ष के उम्मीदवार बन गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सन 1952 से अब तक हुए 15 राष्ट्रपति चुनावों में विपक्ष के प्रत्याशियों को औसत 22.18 प्रतिशत वोट मिले हैं। यशवंत सिन्हा तीसरे ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्हें सर्वाधिक वोट मिले। यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय उम्मीद करता है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वे बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान की संरक्षक के रूप में कार्य करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यशवंत सिन्हा ने एक बयान में विपक्षी दलों के नेताओं को इस चुनाव में उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) के सभी सदस्यों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया। मैंने विपक्षी दलों के प्रस्ताव को पूरी तरह से भगवद गीता में भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए कर्म योग के उस उपदेश के आधार पर स्वीकार किया कि फल की उम्मीद के बिना अपना कर्तव्य करते रहो। उन्होंने कहा कि मैंने अपने देश के प्रति अपने प्रेम के कारण अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाया है। मैंने अपने अभियान के दौरान जो मुद्दे उठाए थे, वे प्रासंगिक हैं।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page