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November 12, 2024

एयरक्राफ्ट करियर आइएनएस विक्रमादित्य में लगी आग, नौसेना ने दिए जांच के आदेश

विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने का खबहर आ रही है। आग लगने की घटना कर्नाटक के करवर बंदरगाह की है। बताया जा रहा है कि क्रू- मेंबर्स ने समय रहते इस आग पर काबू पा लिया।

विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने का खबहर आ रही है। आग लगने की घटना कर्नाटक के करवर बंदरगाह की है। बताया जा रहा है कि क्रू- मेंबर्स ने समय रहते इस आग पर काबू पा लिया। पोत पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के एक सदस्य ने धुंआ निकलता देखा और इसकी जानकारी तुरंत अधिकारियों को दी। पोत के जिस हिस्से में आग लगी थी, वहां सैनिकों के आवास हैं। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। भारतीय नौसेना ने इसके बारे में जानकारी दी है। मामले की जांच के लिए एक बोर्ड गठित किया गया है, जो मामले की जांत कर रिपोर्ट सौंपेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारतीय नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि समुद्र में परीक्षण के लिए एक नियोजित उड़ान के दौरान आईएनएस विक्रमादित्य पर आग लगने की घटना की सूचना मिली। आईएनएस कारवार से संचालित हो रहा था। जहाज पर फायर फाइटिंग सिस्टम का उपयोग करके चालक दल द्वारा आग पर काबू पाया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना मुख्यालय ने आग लगने की घटना की जांच के लिए ‘बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि जहाज के चालक दल ने उसपर मौजूद अग्निशम यंत्रों की मदद से आग पर काबू पा लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन साल में आग की तीसरी घटना
पिछले तीन सालों में विक्रमादित्य पर ये तीसरी आग की घटना है। वर्ष 2019 में लगी आग में एक लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक के अधिकारी की मौत हो गई थी। 2021 में भी एक मामूली आग की घटना सामने आई थी। भारत ने वर्ष 2013 में रुस से विक्रमादित्य को खरीदा था। रुसी नौसेना में इसे एडमिरल गोर्शोकोव के नाम से जाना जाता था। भारतीय नौसेना के पास फिलहाल एक ही एयरक्राफ्ट कैरियर है। साथ ही अगले महीने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत भी भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बन जाएगा। सोमवार को नौसेना के कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का ऐलान किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

युद्धपोत की खासियत
यह युद्धपोत संशोधित कीव-श्रेणी का विमान वाहक युद्धपोत है इसे 2013 में रूस से खरीदा गया था। इसका नाम प्रसिद्ध सम्राट विक्रमादित्य के सम्मान में विक्रमादित्य रखा गया। आईएनएस विक्रमादित्य की कुल लंबाई 284 मीटर और इसकी 60 मीटर की अधिकतम बीम। जो तीन फुटबॉल के मैदान के बराबर हैं। 20 मंजिला इस युद्धोपत में 20 डेक हैं और इस पर लगभग 1600 कर्मियों की तैनात रहते हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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