सीएम आवास से जारी की गई तीन शिक्षकों के ट्रांसफर की सिफारिश, पत्र हुआ वायरल, कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

यदि हम पत्र की बात करें तो इसमें तीन सहयाक अध्यापकों का विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण करने की अपेक्षा की गई है। साथ ही कहा गया है कि अभी तक इनके स्थानांतरण के आदेश निर्गत नहीं हो पाए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने पुनः प्रस्तावित तैनाती स्थान में इनके स्थानांतरण करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस की मीडिया पैनलिस्ट एवं निवर्तमान गढ़वाल मंडल प्रभारी गरिमा मेहरा दसोनी ने मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव संजय टोलिया की ओर से जारी सिफारिशी पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई है। दसोनी ने कहा की विभागीय सचिव की अनदेखी कर जिस तरह से संयुक्त सचिव टोलिया ने सीधे महानिदेशक शिक्षा को सिफारिशी पत्र लिखा है, वह कहीं ना कहीं प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन है।
दसौनी ने कहा की इस पत्र को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की प्रदेश के सभी विभाग मुख्यमंत्री आवास से संचालित हो रहे हैं। सरकार की ओर से इस मामले की लीपापोती करने के लिए भले ही तमाम तरह की बयानबाजी की जा रही हो, परंतु हकीकत यह है कि शिक्षा विभाग में चल रही अंधेरगर्दी किसी से छुपी नहीं है।
गरिमा ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि सरकार में बैठे हुए नेताओं का पक्षपातपूर्ण रवैया खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग हमेशा से ही विवादो में घिरा रहा है। स्थानांतरण नीति में भी कोई पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। सभी प्रोटोकोल नियम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर जिस तरह से मुख्यमंत्री आवास से अधिकारी ने विगत दिवस पत्र जारी किया, जिसमें तीन शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश थे। वह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल ये उठता है कि इस पत्र की सफाई में यह कहा जा रहा है कि यह महिलाएं गंभीर रूप से बीमार हैं। इसलिए धारा 27 के तहत इनका स्थानांतरण किया गया है। ऐसे में तीसरी महिला को बागेश्वर के ही एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में ट्रांसफर किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उस महिला की बीमारी का इलाज हो जाएगा।क्या पूरे शिक्षा विभाग में यही तीन महिलाएं अस्वस्थ हैं? उन्होंने सवाल किया कि क्या अब यह समझा जाए कि इन तीन के अलावा जितने भी शिक्षक अस्वस्थ हैं, उनको भी धारा 27 की परिधि में रखकर उनके साथ भी न्याय होगा?
गरिमा दसौनी ने मुख्यमंत्री धामी से इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेने की अपेक्षा की है। साथ ही कहा कि आशा करते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने आवास से चल रही इस अंधेरगर्दी पर नकेल कसने के साथ ही साथ उक्त अधिकारी पर कार्यवाही करेंगे। ताकि भविष्य में इस तरह के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।