ललित मोहन गहतोड़ी का रैप सांग- बढ़ आगे चल
बढ़ आगे चल…
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
मैं बात पते की करने का
गफलत में तू नहीं रैने का
कुछ आगे पीछे सोच ले
बुरा काम नहीं कोई करने का
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
खोना ना कभी चलती राह में
आती जाती धूप छांव में
चंद घनेरी मंद रात में
घबराना मत बात बात में
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
छोड़ दे रोना हर बात में
चला नहीं कोई संग साथ में
डाल गबांहें हाथ हाथ में
कोई अंतर नहीं छांव छाता में
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
कदम मिलाके कदमताल कर
बात पते की बेमिसाल कर
अपना रुतबा लाजवाब कर
बंदों बीच में जा धमाल कर
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
समय है सबका आता सुन बे
चल निकलेंगे काम तेरे धंधे
बात पते की जान ले बन्दे
करम के अपने चर्चे होंन दे
चल उठ, चल उठ, चल उठ
बढ़ आगे चल-4
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा : हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।