चारधाम में वीआइपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त, बदरी केदार में आज आए इतने श्रद्धालु, यहां कराएं पंजीकरण, देखें नियम
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सुव्यवस्थित और नियमानुसार यात्रा संचालन के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। बीते 2 सालों में कोविड संक्रमण के कारण यात्रा नहीं चल पाई है ऐसे में इस बार यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हमारी चुनौती है लेकिन सरकार इसे सुव्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते कुछ समय में चार धाम यात्रा में जितनी भी कैजुअल्टीज हुई हैं वह यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से हुई है। मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि नौजवान पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दें।
बदरी-केदार में अब तक 245664 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 13 मई शाम तक 97672 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इनमें आज 13 मई शाम 4 बजे तक 11378 श्रद्धालु शामिल थे। इसी तरह केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 13 मई तक 147992 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। आज यहां चार बजे तक 13948 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अब तक दोनों धामों में कुल 245664 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
मुख्य सचिव ने दिए अधिकारियों को निर्देश
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम व्यवस्था सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि वीकेंड में श्रद्धालुओं के बढ़ने की सम्भावना है, जिसके लिए समुचित व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाएं। बिना पंजीकरण वाले यात्रियों को आगे जाने से रोका जाए साथ ही यात्रियों के रूकने के लिए उचित स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण किया जाए। यात्रियों को ऐसी जगहों पर रोका जाए, जहां उनके रुकने के लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने कहा कि ओवर चार्जिंग से प्रदेश की छवि खराब होती है, इसे रोकने के लिए यात्रा मार्गों में ओवर चार्जिंग को रोकने हेतु कठोर कदम भी उठाए जाएं, साथ ही, ऐसे व्यक्तियों पर चालान करने के साथ ही अरेस्ट भी किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित तरीके से चल सके इसके लिए राज्य आपदा प्रचालन केंद्र कंट्रोल रूम को एक्टिवेट कर दिया गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जिला आपदा परिचालन केंद्रों को भी एक्टिवेट करते हुए चारधाम यात्रा से सम्बन्धित सभी जानकारियां साझा करने हेतु आपदा परिचालन केंद्रों को चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के रूप में प्रयोग करने के निर्देश दिए।
उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों में समुचित मात्रा में टॉयलेट विशेषकर महिला टॉयलेट एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग में ऑडियो संदेश के माध्यम से लगातार हेल्थ एडवाइजरी एवं अन्य जानकारियों का प्रसारण किया जाए।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को यात्रा मार्ग में जाम की समस्या को दूर करने और कंजेशन को कम करने के लिए मालवाहक वाहनों को रात्रि के 10 बजे से प्रातः 4 बजे तक के प्रतिबंधित समय में भी संचालन की अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि रात्रि को चलने वाले मालवाहक वाहनों के चालकों और परिचालकों की जगह-जगह पर चेकिंग कर यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन्होंने मदिरा आदि का नशा न किया हो और वाहनचालक बहुत लम्बी यात्रा कर थके न हों। लम्बे समय से जागे न हों। ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
इसके साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोई मालवाहक वाहनों की आड़ में यात्रियों को लेकर रात्रि में यात्रा न करे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकि सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम यात्रा से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
बढ़ा चुके हैं पंजीकरण की क्षमता
हाल ही में सरकार ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने के कारण सरकार ने प्रत्येक धाम में प्रतिदिन की पंजीकरण क्षमता एक-एक हजार बढ़ा दिया है। पहले तक अभी तक बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 यात्रियों का प्रतिदिन पंजीकरण कराने के व्यवस्था थी। अब यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये गंगोत्री यमुनोत्री, श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में दर्शन करने की सुविधा के दृष्टिगत प्रतिदिन मंदिर धामों में दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या में एक-एक हजार की वृद्धि की गई है। इस संबंध में पूर्व के शासनादेश में आंशिक संशोधन करते हुए नया शासनादेश भी जारी हो चुका है। संशोधित शासनादेश के अनुसार चार धाम यात्रा के लिये यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये तीर्थयात्री प्रतिदिन दर्शन के लिए निर्धारित अधिकतम संख्या श्री गंगोत्री में 8 हजार, श्री यमुनोत्री में 5 हजार, श्री केदारनाथ में 13 हजार एवं श्री बद्रीनाथ में 16 हजार है।
यहां कराएं पंजीकरण
यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ में पंजीकरण अनिवार्य किया गया। वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग के 18 स्थानों पर आफलाइन व आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
यात्रा मार्ग पर होगी पंजीकरण की जांच
पंजीकरण की जांच यात्रा मार्ग पर जगह-जगह स्थापित जांच चौकियों और पुलिस चौकियों पर की जाएगी। बढ़ती संख्या के दृष्टिगत सरकार ने चारों धामों के लिए होने वाले पंजीकरण में प्रतिदिन की तय संख्या में एक-एक हजार की वृद्धि भी कर दी है।
केदारनाथ में दर्शन करने के समय में की बढ़ोतरी
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में पांच घंटे की बढ़ोतरी की है। अब सुबह चार से दोपहर तीन बजे और फिर शाम चार बजे से रात 10:30 बजे तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे।
जारी की गई एडवाइजरी
चारधाम में काफी संख्या में यात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा भी अब नींद से जागा और दो दिन पहले अब यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में समस्त तीर्थस्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर श्रद्धालु अत्यधिक सर्दी, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव, कम ऑक्सीजन से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
ये जारी किए गए हैं निर्देश
-स्वात्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।
-पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर, एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाईयां अपने साथ रखें।
-आति वृद्ध एव बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर ना जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा।
-तीर्थेस्थल पर पहुँचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।
-गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
-हदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्य रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें।
-लक्षण जैसे- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट का होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ- पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खॉसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे एवं 104 हैल्पलाईन नम्बर पर संपर्क करें।
-धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
-सन स्क्रीन एसपीएफ 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें।
-युवी किरणों से अपनी आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।
-यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें।
-लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।
-ऊचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें ।
-किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के लिए 104 एवं एम्बुलेंस के लिए 108 हैल्पलाईन नम्बर सम्पर्क करें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।