राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष से मिले उत्तराखंड के राज्य कर्मचारी, गोल्डन गार्ड की विसंगतियों को दूर करने की मांग
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड डीके कोटिया से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड डीके कोटिया से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की। इस दौरान राज्य कर्मियों एवं पेशनरों के कैशलेस चिकित्सा के लिए संचालित किये जा रहे गोल्डन कार्ड योजना की विसंगतियों से अवगत कराते हुए उसे दूर करने की मांग की।परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे एवं प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भटट ने बताया कि प्राधिकरण के अध्यक्ष से मांग की गई है कि गोल्डन कार्ड योजना के सम्बन्ध में जारी किये गये नवीनतम शासनादेश में कार्ड धारकों के परीक्षण के लिए लैब एवं कार्ड के आधार पर दवा उपलब्ध कराने के लिए दवा की दुकानों के पंजीकरण की व्यवस्था के आधार पर शीघ्रतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए कार्ड धारकों को इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ताकि गोल्डन कार्ड धारकों केा परीक्षण की सुविधा एंव दवाएं कैशलैश मिलने लगे। इससे वाह्य रोगी होने की दशा में भी उन्हैं योजना का लाभ प्राप्त हो सके।
परिषद की मांग पर कोटिया ने अवगत कराया गया कि इस सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है। इस व्यवस्था का क्रियान्वयन होने में समय लगने की सम्भावना है। इस पर परिषद के प्रतिनिधिमंडल की ओर से डीके कोटिया को इस व्यवस्था को शीघ्रातिशीघ्र लागू किये जाने के लिए कई सुझा दिए।
ये दिए गए सुझाव
परिषद की ओर से सुझाव दिया गया कि जब तक योजनान्तर्गत प्राइवेट दुकानों को पंजीकृत नहीं किया जाता है तबतक जन औषधी केन्द्रों एंव राजकीय चिकित्सालयों के माध्यम से वाहय रोगी कार्मिकों को दवाए उपलब्ध करायी जाय।
इसी प्रकार यह भी सुझाव दिया गया कि प्राइवेट लैब का पंजीकरण किये जाने तक राजकीय चिकित्सालयों के पैथोलाजी लैब में गोल्डन कार्ड के आधार पर कैशलैश परीक्षण किया जाय।
प्राधिकरण के अध्यक्ष कोटिया ने परिषद की ओर से दिये गये सुझाओं से सहमति व्यक्त करते हुए इस सम्बन्ध में तत्काल अग्रत्तर कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया। परिषद की मांग पर शीघ्र ही कार्मिक संगठनों के साथ एक बैठक का भी आयोजन करने का भी आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त कोटिया ने परिषद के मांग पर कार्मिकों के लम्बित भुगतान को भी शीघ्रातिशीघ्र किये जाने की व्यवस्था बनाये जाने का आश्वासन भी दिया गया। बालस्वरूप एंव हीरा सिहं नेगी आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।





