फिर कांग्रेस के हुए हरक सिंह रावत, दिल्ली में ज्वाइन की पार्टी, कांग्रेस में भी हो रहा था विरोध, दिया ये बयान

कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह ने कहा कि 20 साल तक कांग्रेस के लिए संघर्ष किया है। एक बार फिर कांग्रेस को मजबूत करने में हम लोग जुटेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। बिना शर्त शामिल हुआ। टिकट की बातों से भी इनकार किया। कहा कि यहां एक ही शर्त है, भाजपा को हराना।
कहा कि 2016 में जब मैंने बगावत की उसके बाद भी लगातार सोनिया गांधी की मैंने तारीफ की है। लगातार टीवी चैनलों पर भी कहा था कि सोनिया गांधी का कई एहसान है। उन्होंने लगातार मुझ पर भरोसा किया है। कहा कि कोई माफीनामा नहीं दिया गया है। राजनीति में माफीनामा की कोई जगह नहीं होती है। मैं यहां एक गिलहरी की तरह भूमिका अदा करूंगा। हरक ने इस दौरान भाजपा पर कई आरोप लगाए। कहा कि टिकट की बातें झूठ थीं।
इस मौके पर हरक सिंह रावत ने कहा कि कोई माफीनामा नहीं। कांग्रेस में आना ही मेरी सबसे बड़ी माफी है। हरीश भाई ने मेरा दिल से स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मेने कोई शर्त नहीं रखी है। जो पार्टी तय करेगी, उसी पर चलूंगा। 2016 में बगावत को लेकर बड़ी सफाई दी। कहा कि तब केंद्र की सरकार थी। सोचा कि विकास होगा, लेकिन बीजेपी ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि जो गलती थी और जो नाराजगी थी, वो अब दूर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी भूमिका देगी उसका सही तरीके से निर्वहन किया जाएगा।
हरक सिंह रावत का कांग्रेस में भी विरोध हो रहा था और भाजपा में भी। हाल ही में रविवार को भाजपा हाईकमान ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को पार्टी से छह साल से निष्कासित कर दिया था। उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया था। बताया गया कि हरक स्वयं के साथ ही परिवार के लिए विधानसभा के तीन टिकट मांग रहे थे। जिस दिन पार्टी ने यह निर्णय सुनाया, उस दिन हरक दिल्ली में ही थे। इसके बाद से हरक के कांग्रेस में घर वापसी की चर्चा होने लगी थी। हरक भी कांग्रेस के उन नौ विधायकों में शामिल थे, जो मार्च 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का हाथ छिटककर भाजपा में शामिल हो गए थे।
शुक्रवार की दोपहर बाद 3.15 बजे हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधु एवं पूर्व मिस इंडिया अनुकृति गुसाई रावत रकाबगंज स्थित कांग्रेस के वॉर रूम में गए। हरक को कांग्रेस में शामिल करने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत की पहले ना रही। बाद में वह माफी की मांग पर अड़े हुए थे। हालांकि हरक कई बार माफी को दोहरा चुके थे। इन सबके बावजूद बागी हरक को वापस कांग्रेस में लेकर दस जनपथ ने भाजपा को उसी की भाषा में जवाब देने की कोशिश की है। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हरक की वापसी के लिए अंतिम समय तक जोर लगाया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।