यूपी में सीएम धामी ने रचा इतिहास, दून पहुंचने पर भव्य स्वागत, आप ने उड़ाई खिल्ली, कांग्रेस ने बताया मजाक

इतिहास तो लखीमपुर खीरी में भी लिखा गया। जब राज्यमंत्री के बेटे की जीप से किसानों को कुचल दिया गया। इससे पहले भी नोटबंदी कर आंतकवाद की कमर तोड़ने का इतिहास लिखा गया। लोग लाइन में खड़े रहे। भटकते रहे। ना तो आतंकवाद ही खत्म हुआ और न ही ब्लैकमनी वापस आया। पहले साल तो नोटबंदी की सालगिरह जरूर मनाई गई, फिर इस इतिहास को भी छिपा दिया गया। शाहीनबाग में चला लंबा आंदोलन भी एक इतिहास रहा। जिसे सांप्रदायिक रंग देने के प्रयास होते रहे और बाद में सफल भी हुए। फिर भी आंदोलन की जो चिंगारी वहां से फूटी उसका नतीजा ये निकला कि किसान आंदोलन ने भी इतिहास लिख दिया और सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। ये भी इतिहास में दर्ज हो गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 126 करोड़ देश की आबादी है। इनमें से 80 करोड़ लोग गरीब हो गए। यदि गरीब नहीं हैं तो वे मोदी झोला लेकर मुफ्त में राशन लेने के लिए राशन की दुकानों में नहीं जाते। अब हम उत्तराखंड के इतिहासों के बारे में बताते हैं।
उत्तराखंड राज्य में साढ़े चार साल में सीएम के चेहरे के रुप में तीन चेहरे देकर इतिहास लिखा गया। गैरसैंण में सड़क की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही घाट क्षेत्र की महिलाओं पर लाठी चलाकर इतिहास लिखा गया। देवस्थानम बोर्ड का गठन कर इतिहास लिखा गया। फिर तीर्थ पुरोहितों के विरोध में आना भी इतिहास में दर्ज हो गया। वहां अब भी आंदोलन चल रहा है। इसमें भी एक इतिहास ये है कि बोर्ड का गठन कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ धाम में दर्शन करने ही नहीं दिए और विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। अब एक नया इतिहास दर्ज करने की बात हो रही है। ये है उत्तराखंड और यूपी के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा। हालांकि इससे पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत दोनों भी इस मुद्दे में इतिहास दर्ज कर चुके हैं। तीरथ सिंह रावत ने तो उटपटांग बयानबाजी का भी इतिहास दर्ज किया। इससे उत्तराखंड पूरे देशभर में चर्चा में आ गया।
अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिवसीय लखनऊ दौरे के बाद शनिवार को देहरादून पहुँचे। वह यूपी से सीधे देहरादून आने की बजाय एक दिन पहले अपनी विधानसभा खटीमा पहुंचे। यानी अपने घर गए। फिर कल शनिवार को ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में शामिल होने पिथौरागढ़ पहुंचे। इसके बाद वे देहरादून आए तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। कहा गया कि सीएम ने 21 साल के विवाद को सुलझाकर इतिहास दर्ज किया है। हालांकि इस मामले में यदि हम पीछे जाएंगे तो यहां दो बार कांग्रेस की भी सरकार रही और बाकी समय भाजपा की। अपनी सरकार रहते हुए भी भाजपा को भी इस विवाद को निपटाने में इतना समय लगा, ये भी इतिहास है। खैर दे आए, दुरस्त आए। पर विपक्षी दल आम आदमी पार्टी का कहना है कि ऐसा तो कई बार कहा जा चुका है। होना कुछ नहीं।
मुख्यमंत्री के देहरादून आगमन पर पुलिसलाइन से मुख्यमंत्री आवास तक पार्टी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से चल रहे परिसम्पत्ति विवाद को लेकर हुई इस बैठक को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हितों के लिए यह दौरा ऐतिहासिक रहा। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी, परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के बंटवारे से उत्तराखंड व क्षेत्र को होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कांग्रेस ने लगाए आरोप
उत्तराखंड कांग्रेस ने यूपी के साथ परिसंपत्ति बंटवारे को लेकर धामी सरकार पर बड़े आरोप लगाए। कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर कहा कि धामी सरकार ने राज्य की परिसंपत्ति बटवारे के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। कांग्रेस इसका विरोध करेगी। उन्होंने 18 नवंबर को काले दिन के रूप में मनाने की घोषणा की। गौरतलब है कि 18 नवंबर को यूपी दौरे के दौरान उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक हुई। इसमें परिसंपत्ति बंटवारे को लेकर कई बिंदुओं पर सहमति बन गई है। ऐसा दावा सरकार की तरफ से किया गया।
बताया झूठ का पुलिंदा
वहीं, इस मामले में आम आदमी पार्टी ने झूठ का पुलिंदा बताया। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्ति बंटवारे के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह और बीजेपी सरकार पर जनता को बरगलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से चले आ रहे परिसंपत्तियों के बंटवारे के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार का झूठ, फरेब और पाखंड एक बार फिर से उजागर हुआ है। 21 साल पहले जिस भाजपा ने हमारी परिसंपत्तियों का हक हमसे छीना था, आज 21 साल बाद उन्हीं परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर भाजपा फिर झूठ बोल रही है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि केदारनाथ पहुंचकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर कहा था कि हमारी उत्तराखंड सरकार से इस दिशा में बातचीत हो गई है। वो एक कोरा झूठ था। बीजेपी नेताओं ने बाबा केदार से ही जनता को अपने झूठ से भ्रमित किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने भी परिसंपत्तियों को लेकर प्रदेश की जनता से झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। अब सीएम धामी भी उसी राह पर चल पडे हैं। वो भी चुनाव नजदीक आता देख सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
सरकार की ओर से किए गए दावे
सरकार की ओर से दावे किए गए हैं कि बीते गुरुवार को हुई अहम बैठक में किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को दिए जाने का निर्णय हुआ है। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई। हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।
सीएम ने साइन किया एमओयू
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर “एलारा फाउंडेशन” लंदन, “रॉयल फ़्री लंदन नेशनल हेल्थ सर्विस फाउंडेशन ट्रस्ट” हॉस्पिटल और जिला अस्पताल चंपावत के बीच एमओयू साइन किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में उत्तराखंड के युवाओं के लिए करियर परामर्श पोर्टल ukcareers.in का शुभारंभ किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रतिनिधियों को शुभकामना प्रदान करते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है यह पहल प्रदेश के चम्पावत जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतरी के लिए कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनता की सुविधा के लिए हर क्षेत्र में सरलीकरण की प्रक्रिया पर विशेष जोर दे रही है ताकि जनता को अधिक से अधिक लाभ हो सके।
इस दौरान स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि लंदन के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल “रॉयल फ्री लंदन नेशनल हेल्थ सर्विस” का भारत में पहली बार उत्तराखंड के जिला अस्पताल चंपावत में टेलीमेडिसिन और वर्चुअल ओपीडी के साथ ही एक्शन प्रोग्राम संचालित किया जाएगा। इससे दोनों देशों में स्वास्थ्य सम्बंधी आधुनिक तकनीक का आदान प्रधान किया जाएगा। इस दौरान एलारा फाउंडेशन के सीईओ राज भट्ट, रॉयल फ़्री लंदन हॉस्पिटल के प्रतिनिधि देवाशीष घोष, अभिनेता दिलीप ताहिल, प्रो. दुर्गेश पंत एवं अन्य मौजूद रहे।
दून मेडिकल कॉलेज के वार्षिक समारोह में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वार्षिक समारोह FORNIX-2021 में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार देर सायं को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वार्षिक समारोह FORNIX-2021 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने भावी डॉक्टरों की ओर से दी गई सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने अपनी लोक संस्कृति को बेहद करीब से परखा है। उन्होंने कहा कि छात्र व युवा वर्ग से उनका हमेशा से ही विशेष लगाव रहा है। यही वजह है कि आज भारी व्यस्तता के बावजूद आप सभी के बीच अपने आप को आने से रोक नही पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है और ईश्वर की कृपा ही है जो आप इस क्षेत्र में हैं, क्योकि नर सेवा नारायण सेवा होती है। आप सभी की मेहनत का ही परिणाम है कि भारत में सबसे बड़ा कोविड-19 की रोकथाम हेतु वेक्सिनेशन अभियान सफल हो पाया है, इसके लिये मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों सहित इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हॅू। कोरोना महामारी के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्मः की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, स्वयं सेवी संस्थाओं आदि ने चौबीसों घंटे लगातार काम करने से पीछे नहीं हटे। कोविड-19 के दौरान आप सभी के द्वारा काफी अच्छा कार्य किया गया जिसके लिये आप सभी बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तीन दिवसीय लखनऊ दौरे के बाद आज ही देहरादून पहुँचे हैं। पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में पूरा देश आगे बढ़ रहा है। हर क्षेत्र में नई कार्य संस्कृति आई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम लगातार कार्य कर रहे हैं। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम0बी0बी0एस0 इन्टर्न के स्टाईपेंड को 7500/-प्रतिमाह से बढ़ाकर रूपये 17,000/-किया गया है। राज्य सरकार ने तय किया है कि पूरे देश में एम.बी.बी.एस. कोर्स हेतु सबसे कम फीस 1,45,000 रूपये उत्तराखण्ड में होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को सम्मानित भी किया। छात्र-छात्राओं ने लोक संस्कृति पर अपनी प्रस्तुति दी। छात्रों की ओर से जागर, नंदा राजजात यात्रा और कई अन्य लोक गीतों की प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, प्रो. देश दीपक, डॉ. के.सी.पन्त, डॉ. एम.के.पन्त आदि मौजूद रहे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।