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September 23, 2024

डाक टिकटों के संग्रह में लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं डॉ. जवाहर इसरानी, बिहार बुक आफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया नाम

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जवाहर इसरानी एक ऐसा नाम है, जिनके आगे रिकॉर्ड नतमस्तक हो जाते हैं।  ये नाम है नामी डाक टिकट संग्रहकर्ता का। जो बचपन से ही डाक टिकट संग्रह करते आ रहे हैं।

जवाहर इसरानी एक ऐसा नाम है, जिनके आगे रिकॉर्ड नतमस्तक हो जाते हैं।  ये नाम है नामी डाक टिकट संग्रहकर्ता का। जो बचपन से ही डाक टिकट संग्रह करते आ रहे हैं। उनका यह शौक स्कूल में कक्षा पांच में पढ़ते ही शुरू हुआ था। तब से अब तक उन्होंने 52000 डाक टिकट एकत्र कर चुके हैं। हाल ही में आठ अगस्त 2021 को पश्चिम विहार, दिल्ली में बिहार बुक आफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी इनका नाम लिखा गया है। दिल्ली में उन्हें ग्लोबल अचीवर्स अवॉर्ड से होटल रेडीसन ब्लू में सम्मानित किया गया। इनका नाम 100 भारतीय इंस्पायरिंग व्यक्तीयों की किताब में भी शामिल किया गया है। यह किताब भी आठ अगस्त 2021 को दिल्ली में एक भव्य समारोह में रिलीज़ हुई है।
बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से अधिकतम डाक टिकट संग्रह फूलों के थीम पर दिया गया है। उन्होंने केवल फूलों के थीम के ऊपर ही 2031 डाक टिकट जमा किए हैं। जवाहर ने 52000 डाक टिकट 240 देशो, उसमें आईलेंड और किंगडम शामिल है को मिलाकर किया है। इनके संग्रह में बहुत ही पुराने और महत्वपूर्ण डाक टिकट शामिल हैं। यह सब डाक टिकट देशों के लिए और थीम्स के लिए अलग-अलग फाइलों में इकट्ठा करके रखे गए हैं। हर फाइल में पहला पेज विवरण तथा गिनती लिखकर रखा गया है।
हर डाक टिकट को वह बहुत ही सहेज के रखते हैं। हर डाक टिकट को पहले एक छोटे पन्नी में रखे हैं। उस पन्नी को लिफाफे पर सेलो टेप से सील करके रखा है। वह पन्नी फिर एक लीफ पेपर कागज समेत रखी गई है। ताकि उसमें कोई फंगस या दीमक या कीड़े इत्यादि न लगे। वे सब एक फाइल में सिलसिलेवार तरीके से लगाकर पूरे फाइल को एक के कवर में प्लास्टिक के कवर में रखा हुआ है। उसमें पानी इत्यादि ना लग पाए।

उन्होंने लगभग 450 स्कूल, कॉलेज, फैक्ट्री, ऑफिस और संस्थानों को अपना डाक टिकट का संग्रह दिखाया है। इस को दिखाने के लिए कोई भी मेहनताना नहीं लेते। लोग इस संग्रह को देखकर बेहद प्रसन्न होते हैं। थीम जैसे की पेंटिंग्स, कुत्ते, बिल्ली, पशु, पक्षी, झंडे, ऐतिहासिक स्मारक, पेड़, पौधे, मछली, नेता स्वतंत्रता सेनानी गांधीजी प्रधानमंत्री कवि लेखक ओलंपिक, खेल कूद, म्यूजिकल, सिनेमा इत्यादि और अलग-अलग देशों के डाक टिकट एक जगह पर देखने के अवसर पर दर्शक लोग बेहद प्रसन्न होते हैं।
78 वर्षीय इसरानी के अंकों के हिसाब से वृद्ध जरूर हैं पर उनको इस संग्रह के जुनून ने बहुत ही एक्टिव रखा है। उनका यह जुनून आजकल के बच्चों का या जवानों से भी बढ़कर है और बच्चों को कुछ कर गुजरने को प्रेरित करता है। जवाहर इसरानी ने अब तक पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में बनाए हैं। उनको लीजेंड अवॉर्ड भी मिला हुआ है। इनका नाम WBTR, इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड रिकॉर्ड सरटीफिकेशन, लंदन यूके, में भी दर्ज है। काफी सालों से यह लोगों को इंस्पायर करते आ रहे हैं। रोड पर ट्रैफिक रूल्स के बारे में, बिजली बचाने के बारे में, पानी बचाने के बारे में, पेड़ पौधे लगाकर एनवायरमेंट को अच्छा रखने में, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, ब़रेस्ट फीडिंग, प्लास्टिक न इस्तेमाल करना के बारे में बताते रहते हैं तथा मोटिवेट करते है। डॉ. जवाहर ने अभी तक 60 से ऊपर वर्ल्ड का रिकॉर्ड /अवार्ड प्राप्त किए हैं।
पढ़ें: जवाहर इसरानी की कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-गुरु ने दी प्रेरणा, रास्ते से उठाया फेंका लिफाफा, बना डाले कई रिकॉर्ड

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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