भाला फेंक में नीरज चौपड़ा ने जीता स्वर्ण पदक, ओलंपिक के इतिहास में भारत को ट्रैक और फील्ड में पहला पदक, देश को 13 साल बाद गोल्ड
शनिवार को खेले गए फाइनल राउंड में नीरज ने अपने पहले थ्रो में 87.03 मीटर दूर भाला फेंका। नीरज ने दूसरे प्रयास में फेंका 87.58 मी. दूर भाला फेंका। तीसरा थ्रो उनका ज्यादा बेहतर नहीं रहा। इस बार उन्होंने 76.79 मीटर दूरी पर भाला फेंका। इसके बाद आठ खिलाड़ियों को फाइनल अटेंप्ट में तीन तीन थ्रो के लिए चयनित किया गया। इसमें नीरज ने पहला अटेंप्ट कम होने के कारण उसे फाउल कर दिया। इसके बाद वे अपने दूसरे अटेंप्ट से ज्यादा दूरी पर भाला नहीं फेेंक पाए। इसके बावजूद उन्होंने 87.58 मी. की दूरी पर कायम रहते हुए स्वर्ण पदक हांसिल किया।
नीरज ने मेडल जीतने के साथ ही अपने नाम एक बड़ा कारनामा दर्ज कर लिया। ओलंपिक के इतिहास में किसी भारतीय ने ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स में मेडल नहीं जीता है। बता दें कि नीरज ने अपने क्वालिफिकेशन राउंड में पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो किया था और सीधे फाइनल में पहुंचे थे।
कोहनी की चोट से उबरकर की वापसी
भारतीय सेना के नीरज की ओलंपिक की तैयारियां 2019 में कोहनी की चोट और फिर कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई थी, लेकिन उन्होंने अपने प्रशंसकों को बिल्कुल निराश नहीं किया। ओलंपिक में अपनी पहली ही थ्रो पर फाइनल में जगह बना ली। वह ओलंपिक से पहले सिर्फ तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले पाए थे। इसमें कुआर्टेन खेल ही विश्व स्तरीय प्रतियोगिता थी जहां चोपड़ा तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि वेटेर ने खिताब जीता था।
भारत को अब तक कुल सात पदक
टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो के स्वर्ण पदक के साथ भारत का सात पदक मिल चुके हैं। भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने खेलों के दूसरे दिन ही भारत को पहला रजक पदक दिलाया था। वहीं दूसरा कांस्य पदक भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने भारत की झोली में डाला था। इसके बाद लवलीना बोरगोहेन ने मुक्केबाजी में व्यक्तिगत ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह भारत के लिए तीसरा पदक था। गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर भारत की झोली में चौथा पदक डाल दिया। वहीं, रवि कुमार दहिया ने सिल्वर जीता और आज बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीत लिया। इसके बाद नीरज चौपड़ा ने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक दिलाकर भारत को सातवां पदक दिलाया। साथ ही भारत की झोली में एक गोल्ड, दो सिल्वर, चार कांस्य पदक के साथ कुल सात पदक आ चुके हैं। साथ ही व्यक्तिगत स्पर्धा में 13 साल बाद भारत को गोल्ड मैडल मिला। इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत बधाई????