राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रवीण ने किया उत्तराखंड को गौरवांवित, परेड में बतौर कमांडर शामिल
देश के पहले गृह मंत्री ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती के अवसर पर गुजरात स्थित केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के मौके पर आयोजित परेड में उत्तराखंड के लाल प्रवीण नौटियाल ने प्रदेश का नाम रोशन किया। परेड के दौरान प्रवीण सीआरपीएफ के विशेष वाहन क्रिटिकल सिचुएशन रेस्पॉन्स व्हीकल ( सीएसआरवी) में बतौर कमांडर शामिल रहे। उच्च तकनीक से लैस यह बख्तरबंद वाहन कश्मीर घाटी में आतंकवाद को खत्म करने में बेहद कारगर साबित हुई है। प्रवीण करीब दो सालों से इस वाहन में बतौर कमांडर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मूल रूप से टिहरी के घनसाली में थापला गांव के निवासी प्रवीण नौटियाल साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके पिता शिव प्रसाद नौटियाल वन विभाग से सेवानिवृत्त हैं और मां प्रभा देवी नौटियाल ग्रहणी हैं। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में हर्रावाला में रह रहा है।
प्रवीण साल 2017 से कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लोहा ले रहे हैं। वहीं सीआरपीएफ के सीएसआरवी वाहन में वो साल 2019 से तैनात हैं। प्रवीण ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह बख्तरबंद वाहन आबादी के बीच छुपे आतंकवादियों को खोजने में बहुत मददगार साबित होती है।
इसमें अत्याधुनिक ड्रोन, कम्युनिकेशन सिस्टम, कैमरा, लॉंग रेंज एकॉस्टिक डिवाइस समेत अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो दुश्मन को खोजने, भीड़ को तितरबितर करने और मारने में बेहद मददगार साबित होते हैं। शनिवार को केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के मौके पर प्रवीण ने सीआरपीएफ की टीम का नेतृत्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस वाहन का प्रदर्शन किया।
टीम के उम्दा प्रदर्शन से लवरेज प्रवीण ने बताया कि यह भारतीय सेना की बहुत अहम हथियारों में शामिल है। प्रवीण नौटियाल की पत्नी तृप्ति उपाध्याय नौटियाल भी दिल्ली में सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर ही तैनात हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।