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February 7, 2025

सुप्रीम कोर्ट की उप समिति की रिपोर्टः दिल्ली सरकार ने चार गुना बढ़ाकर बताई ऑक्सीजन की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऑक्सीजन को लेकर गठित उप-समिति ने दिल्ली सरकार पर ही सवाल उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऑक्सीजन को लेकर गठित उप-समिति ने दिल्ली सरकार पर ही सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि 25 अप्रैल से 10 मई तक दूसरी कोविड लहर के चरम के दौरान दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मात्रा को जरूरत से चार गुणा बढ़ाकर बताया। सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि दिल्ली को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती तो कोरोना के ज्यादा केसों वाले 12 राज्यों में ऑक्सीजन का संकट पैदा होता।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के दावा की गई वास्तविक ऑक्सीजन खपत 1,140 MT बेड क्षमता के आधार पर बनाए गए फार्मूले के आधार पर तय 289 मीट्रिक टन MT से लगभग चार गुना अधिक थी। अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोलियम और ऑक्सीजन सुरक्षा संगठन ( PESO) ने उप-समूह को बताया कि है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटीडी) में ज्यादा ऑक्सीजन थी। जो अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रभावित कर रही थी। उसने आशंका जताई थी कि यदि दिल्ली को अतिरिक्त आपूर्ति की गई तो इससे राष्ट्रीय संकट पैदा हो सकता है।
दरअसल 5 मई को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजधानी में ऑक्सीजन की कमी के बारे में आप सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार को दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने का निर्देश दिया था। साथ ही ऑक्सीजन की खपत को लेकर एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में ऑडिट के लिए एक उप कमेटी गठित की थी। ऑक्सीजन ऑडिट उप-समूह में दिल्ली सरकार के प्रधान (गृह) सचिव भूपिंदर एस भल्ला, मैक्स अस्पताल के डॉ संदीप बुद्धिराजा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुबोध यादव और विस्फोटक नियंत्रक संजय के सिंह भी शामिल थे।
समिति ने दिल्ली के चार अस्पतालों ने कुछ बेड होने के बावजूद ऑक्सीजन की अधिक खपत का दावा किया। दिल्ली के अस्पतालों द्वारा पैनल को दिए गए आंकड़ों में विसंगतियां पाई गईं। सिंघल अस्पताल, अरुणा आसिफ अली अस्पताल, ESIC मॉडल अस्पताल और लाइफरे अस्पताल में कुछ बेड थे और उनका डेटा गलत था. इससे दिल्ली में ऑक्सीजन का अतिरंजित दावा हुआ। दिल्ली सरकार के आंकड़े कहते हैं कि 29 अप्रैल से 10 मई तक खपत 350MT से अधिक नहीं थी। 260 अस्पतालों को समिति की ओर से डेटा देने के लिए प्रोफार्मा भेजा गया। इस पर 183 ने जवाब दिया। इसमें 10916 गैर-आईसीयू बेड, 4162 आईसीयू बेड थे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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