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July 4, 2025

वैक्सीन संकट को लेकर मुखर हुई आप, पीएम मोदी से सवाल के नारे के साथ डिजिटल अभियान शुरू

लगातार कोरोना वैक्सीन के संकट को देखते हुए आप कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं।

आम आदमी पार्टी प्रदेश में कोरोना काल में सरकार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और कार्यशैली पर लगातार सवाल उठाती रही है। लगातार कोरोना वैक्सीन के संकट को देखते हुए आप कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं। दिल्ली में पीएम मोदी से सवाल पूछने वाले पोस्टर लगाने पर 25 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब उत्तराखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं ने आज ‘मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी ?’ नारे के साथ अपना डिजिटल अभियान शुरू किया है।


इस अभियान के तहत प्रदेशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों में रह कर, पोस्टर हाथों में लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आप के इस अभियान में पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपनी भागेदारी दी। गौरतलब है कि इसी नारे को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल में लगाया। साथ ही राहुल गांधी ने भी इसे शेयर करते हुए लिखा था कि मुझे भी गिरफ्तार करो।


आप के अभियान को लेकर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कहा कि आज उत्तराखंड में कोरोना महामारी की मार तो है ही, साथ ही अब वैक्सीन का संकट भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहा वैक्सीनेशन अभियान टीकों की कमी के चलते बुरी तरह लड़खड़ा गया है। ऐसे में सरकार के नकारेपन को उजागर करने के लिए पार्टी ने इस डिजिटल अभियान की शुरुआत की है। इसके जरिये उत्तराखंड में तीरथ सरकार की नाकामी को बताया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के सामने वैक्सीन का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई वैक्सीन खत्म होने के बाद भी उत्तराखंड को नई खेप नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पहली डोज लगने के दो महीने बाद भी दूसरी डोज नहीं लग पाई है जो कि उनके स्वास्थ्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है।


इसके अलावा 10 मई से 18 से 44 वर्ष की आयु वाले लोगों के लिए शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान की भी गति बेहद सुस्त है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कमी के चलते लगातार वैक्सिनेशन सेंटर बंद होने की कगार पर हैं और लोगों को रजिस्ट्रेशन के बाद भी टीके के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहा है। आप उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता की फिक्र होती तो वैक्सीन संकट के बजाय अब तक बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण हो चुका होता। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को लगने वाली लगभग साढ़े 6 करोड़ वैक्सीन की डोज पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत दुनिया के लगभग 95 देशों में भेज दी। इसकी वजह से आज देशवासियों का स्वास्थ्य संकट में आ गया है।


जोशी ने कहा कि इस देश की करोड़ों वैक्सीन जो हमारे उत्तराखंड के बच्चों को लग सकती थी, हमारी माताओं, बहनों को लग सकती थी, जो हमारे बुजुर्गों को लग सकती थी, जो हमारे प्रदेश के युवाओं को लग सकती थी, वह वैक्सीन विदेशों में भेज दी। आज उत्तराखंड का हर नागरिक पूछ रहा है कि- मोदी जी आपने हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेजी? हमारे जवानों के परिवारों के हिस्से की वैक्सीन पाकिस्तान क्यों भेज दी? जिस वैक्सीन से हमारी माताएं, बहनें और बच्चों की जान बच सकती है उस वैक्सीन को आपने विदेश क्यों भेज दिया ?
उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है हर उम्र के कई लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। कोई ऑक्सीजन की कमी से मर रहा है, किसी को आईसीयू नहीं मिल रहा है और किसी की अस्पताल पहुंचने से पहले ही सड़क पर मौत हो रही है। हर तरफ हताशा का माहौल है। ऐसे वक्त में उत्तराखंड सरकार लोगों का जीवन बचाने में नाकारा साबित हो रही है।
दिल्ली की तरह उत्तराखंड में भी मिले कोरोना प्रभावितों को मदद : दीपक बाली
आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं समाजसेवी दीपक बाली ने सरकार से मांग की है कि दिल्ली की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना प्रभावितों को आर्थिक मदद दी जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना प्रभावित परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए अहम घोषणाएं की हैं, उससे सीख लेकर उत्तराखंड की तीरथ सरकार भी प्रदेश के उन परिवारों की मदद करे, जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनों को खोया है।
बाली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से कोरोना महामारी के वक्त मुश्किलों का सामना कर रहे दिल्ली वासियों को राहत देने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि जिस संवेदनशीलता का परिचय केजरीवाल जी ने दिया है, उससे बाकी राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी से देश के बाकी मुख्यमंत्रियों को यह सीख लेनी चाहिए कि संकट के वक्त सरकार को जनता के साथ किस तरह मजबूती से खड़ा रहना चाहिए।


गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना संकट के बीच दिल्ली वासियों को राहत देने के लिए चार बड़ी घोषणाएं की हैं। इनमें राशनकार्ड धारकों के साथ ही गैर राशनकार्ड वाले गरीब परिवारों को दस-दस किलो अनाज मुफ्त देने, कोरोना से हुई मौतों पर प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये मुआवजा, ढाई हजार रुपये पेंशन तथा अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए 25 वर्ष तक ढाई हजार रूपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है।
इसके अलावा दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने श्रमिकों और आटो-रिक्शा चालकों को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा भी की है ताकि कोरोना संकट के बीच उनका आर्थिक संकट दूर हो सके। दीपक बाली ने कहा कि केजरीवाल द्वारा की गई ये घोषणाएं कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए मरहम की तरह हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने बड़ी संख्या में लोगों को सड़क पर ला दिया है, ऐसे में केजरीवाल सरकार ने लोगों का आर्थिक संकट दूर करने की दिशा में बहुत अहम कदम उठाया है। उन्हगोंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दी गई यह आर्थिक सरायता हजारों लोगों के लिए राहत लेकर आई है।
बाली ने कहा कि उत्तराखंड में भी कोरोना महामारी ने कई परिवारों को असहाय बना दिया है। लोगों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है साथ ही भविष्य को लेकर भी लोग आशंकित हैं। ऐसे में लोगों की सहायता के लिए तीरथ सरकार को तत्काल आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए।
आप उपाध्यक्ष बाली ने मांग की कि दिल्ली की तरह उत्तराखंड सरकार भी कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दे। इसके अलावा जिन परिवारों में अकले कमाई करने वाले व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है उनके भरण-पोषण के लिए मुआवजे के साथ ही पेशन की भी व्यवस्था की जाए।
बाली ने यह भी मांग की है कि जो बच्चे इस महामारी के चलते अनाथ हो गए हैं, राज्य सरकार उनकी परवरिश और सुरक्षित भविष्य की गारंटी ले। इसके साथ ही प्रदेश के गरीव वर्ग के सभी परिवारों के लिए प्रतिमाह मुफ्त राशन की भी व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकटभरे वक्त में यदि भारतीय जनता पार्टी और तीरथ सरकार वास्तव में लोगों की मदद करना चाहती है तो प्रदेश के कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा तत्काल की जानी चाहिए। दीपक बाली ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में छोटे-बड़े दुकानदारों, कारोबारियों का काम चौपट हो गया है। लोगों की आमदनी ठप हो गई है, दिहाड़ी, मजदूरी करने वाले लोग सड़क पर आ गए हैं। ऐसे में सरकार इन सभी के लिए राहत पैकेज जारी करे। बाली ने मांग की कि सरकार कोरोना कर्फ्यू से प्रभावित प्रदेश के सभी परिवारों के बिजली के बिल माफ करे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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