कोरोना के बढ़ते कहर के बीच कर्मियों ने शासन से की बैंक समयावधि में परिवर्तन की मांग

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस उत्तराखंड ने कोरोना के बढ़ते कहर के बीच बैंकों के समय में परिवर्तन की मांग प्रदेश सरकार से की है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव, मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ ही राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के उप महाप्रबंधक को ज्ञापन भेजकर सुझाव भी दिए हैं।
यूनियंस के प्रांतीय संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान उत्तराखंड सरकार ने समय समय पर राज्य हित में निर्णय किए हैं। शीघ्र ही इस महामारी पर नियन्त्रण प्राप्त करने में हम सफलता प्राप्त कर लेंगे। कहा कि बैंककर्मी भी इस महामारी जनित आपदा में सरकार और प्रशासन के साथ हर प्रकार के सहयोग के लिये सदैव तत्पर हैं। सरकार व प्रशासन के निर्णयों में बैंककर्मी आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ व्यावसायिक व जनकल्याण गतिविधियों के अन्तर्गत फ्रन्टलाइन वर्कर के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बैंककर्मियों की विशेष परिस्थितियों को देखते गाइडलाइन में कुछ बदलाव की मांग की।
उन्होंने सुझाव दिया कि बैंक शाखाओं का लेनदेन का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक तथा कार्योपरान्त बैंक शाखा बन्द करने का समय अपराह्न 2.00 बजे कर दिया जाए। साथ। ही प्रत्येक शनिवार को आपदा पर नियन्त्रण होने तक बैंकों में अवकाश घोषित किया जाए। साथ ही बैंक शाखाओं में रोटेशनल व्यवस्था के तहत केवल 50 फीसद स्टाफ की उपास्थिति से कार्य संचालन किया जाय।
उन्होंने आग्रह किया कि बैंक कर्मियों व अन्य फ्रन्टलाइन कर्मियों के विभागों के लिये 18 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मियों के टीकाकरण के लिये अलग से विशेष केन्द्रों को खोलने की अनुमति प्रदान करने की कृपा की जाय।
उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं को हिमाचल प्रदेश व उत्तरप्रदेश में लागू किया गया है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। इन व्यवस्थाओं के लागू लेने से कोरोना-महामारी पर नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी और बैंक कर्मियों के हौसले में वृद्धि और महामारी के प्रति भय में भी कमी आयेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।