उत्तराखंड का महकमा नींद में, दिल्ली क्राइम ब्रांच कर गई नकली रेमडेसिविर फैक्ट्री का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
कोरोनाकाल में जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन को संक्रमितों के लिए रामवाण माना जा रहा है, उसे लेकर उत्तराखंड का सरकारी अमला गहरी नींद में है और इसकी नकली फैक्ट्री संचालित हो रही थी। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पौड़ी जिले के कोटद्वर में नकली रेमडेसिविर बनाने वाली फैक्ट्री में छापा मारा और पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
उत्तराखंड में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन शहर हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में बड़ी छापेमारी की। जिसमें नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री का भंडाफोड़ पौड़ी जिले के कोटद्वार में हुआ। जहां पूरे देश में इस इंजेक्शन की किल्लत देखने को मिल रही है। वहीं इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही थी।
दिल्ली क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री चल रही है। बड़ी बात यह भी है कि उत्तराखंड पुलिस को मुखबिर से ऐसी कोई सूचना नहीं मिल पाई। वहीं, पुलिस लगातार लोगों से अपील करती रहती है कि यदि कोई सूचना हो तो हमे दी जाए। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस उत्तराखंड पुलिस से खुफिया तंत्र में आगे निकल गई। सूत्र बताते हैं कि मुखबिर ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को सूचना देकर छापेमारी करवाई है। छापेमारी के बाद पुलिस ने पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
ड्रग्स विभाग पर सवाल
इस घटना से स्वास्थ्य विभाग के ड्रग्स अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। देहरादून में तैनात ड्रग विभाग के अधिकारी जहां रेमेडेसिविर की व्यवस्था में जुटे हैं। वही जिलों में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर ऐसे गंभीर समय मे भी अपनी जिम्मेदारियों की खानापूर्ति कर रहे है। आलम यह है कि कोटद्वार में तैनात इंस्पेक्टर कोटद्वार के संबंध मेंअच्छी तरीके से वाकिफ नहीं है। या फिर उनके संपर्क सूत्र नहीं हैं। तभी तो उन्हें नकली इंजेक्शन तैयार करने वाली कंपनी का पता नहीं चल पाया। दिल्ली क्राइम ब्रांच तक इतनी बड़ी खबर पहुँच गई, लेकिन किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नही लगी।
सिक्किम के ड्रग कंट्रोलर ने करा दिया था अवगत
बताया गया कि दिल्ली में रेमेडेसिविर की किल्लत मचने के बाद से वहां पर नकली इंजेक्शन बनाने वाला गिरोह सक्रिय है। वहां सख्ती होने लगी तो इन लोगों ने उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अपने गोरखधंधे को शिफ्ट कर दिया। इनके द्वारा किराए पर मकान लेने के बाद रेमिडीसीवीर कि हूबहू पैकिंग लायी गयी थी। इसी पैकिंग में इनके द्वारा इंजेक्शन को बेचे जाने की तैयारी थी।
यह गैंग सिक्किम की एक फर्म के नाम से यह इंजेक्शन बनाते थे, जबकि सिक्किम के ड्रग कंट्रोलर काफी पहले ही भारत के ड्रग कंट्रोलर को अवगत करा चुके हैं कि उनके यहां जिस कंपनी कोरेमेडेसिविर की अनुमति दी गयी थी, उसने वहां काम बंद कर दिया है। इसी कंपनी के रैपर बनाकर नकली इंजेक्शन देश के कई राज्यों में बनाये जा रहे हैं।
इस बीच कुछ दिनों पहले हरिद्वार में ड्रग डिपार्टमेंट को जब नकली इंजेक्शन के बारे में जानकारी मिली तो यहां कार्रवाई भी की गई और दवा करोबरियो को भी निर्देशित किया गया कि वह इस नाम से आने वाले इंजेक्शन न लें। बता दें भारत भर में केवल 7 कंपनियों के पास ही रेमेडेसिविर बनाने की अनुमति है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।