Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 13, 2024

शिक्षक माधव सिंह नेगी की कविता-नव संवत्सर मंगलमय हो

शिक्षक माधव सिंह नेगी की कविता-नव संवत्सर मंगलमय हो।

नव संवत्सर मंगलमय हो

शान्त सौम्य सुखकर दुखहर्ता हो,
शुभ मंगल हो नव संवत्सर।
शुभ प्रकाशित, उल्लसित हो,
कण्टक व्याधि रहित हो नव संवत्सर।।

नव वर्ष के प्रथम दिवस से ही,
मुन्था को मंगलकरण हो संवत्सर।
महामारी के ताण्डव को हर,
वरद हस्त सब मस्तक पर धर।।

नव संवत्सर की मधुर बेला में,
चहुँ दिशि मंगल ही मंगल हो।
मधु मास व मधु ऋतु में,
घर-घर में मंगल ही मंगल हो।।

माँ जगदम्बा दुर्गा तू ही,
तू ही है रणचण्डी।
दुख निवारिणी, मंगलकरणी।
तू ही कालविनाशनी।।

अरजू करूँ मैं माँ तुमसे,
सबके दुखों को हरदे।
जरा व्याधि दुख दरिद्र हर दे,
चहुँ दिशि मंगल ही मंगल कर दे।।

कवि का परिचय
नाम- माधव सिंह नेगी
प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली, ब्लॉक जखोली, जनपद रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “शिक्षक माधव सिंह नेगी की कविता-नव संवत्सर मंगलमय हो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page