हर दिन दो घंटे जनता से मिलेंगे डीएम, पैतृक गांव के पंचायत भवन में लगेंगे फ्रीडम फाइटर के चित्र, सीएम तीरथ ने दिए निर्देश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कैंप कार्यालयों की बजाय मूल कार्यालयों पर बैठें। हर दिन जनता की समस्या को सुनें और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजें। साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में उनके पैतृक गांवों के पंचायत घरों में ऐसे पुरोधाओं के चित्र लगाने के निर्देश भी दिए।
सीएम ने कहा कि सभी जिलाधिकारी को जनप्रतिनिधियों से भी समन्वय सुनिश्चित करना होगा। नियमित रूप से अपने जनपद के विधायकों से बैठक कर यथासंभव जनसमस्याओ का समाधान करके इसकी इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने कैम्प कार्यालय में न बैठकर अपने मूल कार्यालय में बैठें। ताकि आगंतुक आम जनता को कष्ट न हो। आम जनता की जिलाधिकारी तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक दिन 2 घंटे जिलाधिकारी जनता से मिलकर उनकी समस्या सुनेंगे और तुरंत निस्तारित करेंगे। जनप्रतिनिधियों को पूरा सम्मान हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाये।
आम जनमानस तक आजादी के अमृत महोत्सव का जाए संदेश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का संदेश आम जन तक जाए। इसके लिए ग्राम स्तर तक भी कार्यक्रमों का आयेाजन किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए उनके योगदान के विवरण सहित चित्र उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में लगाए जाएं। प्रदेश में जहां भी महान विभूतियों की मूर्तियां लगी हैं, उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री सचिवालय में आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान हमारे लिए सबसे बढ़कर है। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशों पर 15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पूर्व से आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए जो बलिदान किए उससे युवा पीढ़ी को अवगत कराया जाना चाहिए। महोत्सव में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हो जिनसे देशभक्ति की भावना का संचार हो। कार्यक्रमों के आयोजन में कोविड के नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित कर लिया जाए। अमृत महोत्सव कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूहों को जोड़ते हुए वोकल फार लोकल व आत्मनिर्भर भारत की थीम पर आधारित कार्यक्रम भी शामिल किए जा सकते हैं।
संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का विवरण संकलित कर उनका विभिन्न माध्यमों से जनता के बीच प्रचारित किया जाए। उनके चित्र भी प्रकाशित कराए जाएं ताकि युवा इन महान विभूतियों के बारे में जान सके।
सचिव संस्कृति दिलीप जावलकर ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े महान विभूतियों के जीवन वृत्त पर प्रदर्शनियों का आयेाजन किया जा रहा है। नशा मुक्ति कार्यक्रम, साईकिल रैली और मैराथन दौड़ का भी आयेाजन किया जा रहा है। हर घर झंडा कार्यक्रम के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों से प्लास्टिक रहित तिरंगा झण्डा तैयार कराया जा रहा है।
स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग पर विशेष दें ध्यान
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कैंट रोड स्थित जनता दर्शन हाल में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँचल बद्री गाय घी, पहाड़ी घी, आर्गेनिक घी, पनीर, डेरी ग्रोथ सेंटर एवं दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों का ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों को दुग्ध उत्पादों से निर्मित पौष्टिक आहार का वितरण किया।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की मजबूती के लिए और प्रयास करने होंगे। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्थानीय स्तर पर दुग्ध एवं उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, ये उत्पाद उत्तराखंड की विशेष पहचान है। इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वोकल फार लोकल का जो आह्वाहन किया है, इस दिशा में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाय। आज देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर बनने के साथ ही हमें अन्य लोगों को भी अपने साथ स्वरोजगार से जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने कोविड काल में आत्मनिर्भर भारत हेतु 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज दिया।
उन्होंने कहा कि उद्यमिता के विकास, कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाय कि आम जन तक इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले। सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जाय। डिजिटल इंडिया की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है, उद्यमिता एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
डेरी विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं। उत्तराखण्ड के बद्री गाय के घी, पहाड़ी एवं आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इस अवसर पर देहरादून दुग्ध संघ के अध्यक्ष विजय रमोला, निदेशक डेरी विकास जीवन सिंह नगन्याल एवं विभिन्न जनपदों के दुग्ध संघ के अध्यक्ष थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।