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March 11, 2025

देखें वीडियोः क्वारंटीन के बाद एक्शन में आए सीएम तीरथ, फिर फिसली जुबान, बनारस में बता दिया कुंभ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की फिर से जुबान फिसल गई। इस बार उन्होंने कुंभ का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन के साथ ही बनारस में भी बता दिया। अब उनके इस बयान का तेजी से वीडियो वायल हो रहा है।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की फिर से जुबान फिसल गई। इस बार उन्होंने कुंभ का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन के साथ ही बनारस में भी बता दिया। अब उनके इस बयान का तेजी से वीडियो वायल हो रहा है।
सत्ता संभालने के बाद से ही उत्तराखंड के सीएम का विवादों से नाता नहीं टूट रहा है। एक के बाद एक बयान पर वह ट्रोल होते रहे। महिलाओं की फटी जींस को लेकर और भारत को अमेरिका का गुलाम बताने को लेकर तो कई सेलीब्रेटी भी ट्विट करने में पीछे नहीं रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री होली मिलन कार्यक्रम के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए। वह कल ही आइसोलेशन से बाहर आए और उन्होंने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बोल गए कि- कुंभ हरिद्वार में होता है। 12 साल में होता है। बार बार नहीं होता है। बनारस होता है, उज्जैन होता है। इसलिए ये भव्य दिव्य होना चाहिए।

उनके इस भाषण की वीडियो के साथ उत्तराखंड के कांग्रस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ट्विट किया। उन्होंने लिखा कि-लीजिए साहब आ गए। लाफ्टर चैलेंज के नए सितारे। क्वारेन्टीन से वापस। आते ही फिर मारा छक्का। कुम्भ बनारस में भी होता है।

उधर, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ रावत एक के बाद एक ऐसे बयान दे रहे हैं ,जो ये बताता है एक सूबे के मुख्यमंत्री अपनी बातों को लेकर कितना संजीदा है। कुंभ और संस्कृति को लेकर बड़ी बड़ी बात करने वाले मुख्यमंत्री तीरथ रावत को ये तक नहीं पता की बनारस में कुंभ होता है या नहीं। तभी तो उन्होंने कल हरिद्वार कुंभ में ऐसा बयान दे दिया, जिससे उनके कुंभ और संस्कृति को लेकर कितना ज्ञान है इसका पता चलता है।
सीएम बनते ही आया था ये पहला बयान
14 मार्च को हरिद्वार में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने ‘मोदी ज़िन्दाबाद’ के नारों के बीच कहा था कि- भगवान राम ने समाज के लिए अच्छा काम किया था। इसीलिए लोग उन्हें भगवान मानने लगे थे। इसी तरह भविष्य में हमारे प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी ऐसा ही होगा।
उन्होंने कहा था कि-आज विभिन्न देशों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो खिंचवाने के लिए लाइन में लगते हैं। यह पहले के विपरीत है, जब किसी भी वैश्विक नेता को हमारे राष्ट्र प्रमुख से फर्क नहीं पड़ता था। नरेंद्र मोदी की वजह से यह बदलाव आया है। यह एक नया भारत है जिसे उन्होंने बनाया है।
तीरथ का दूसरा बयान
16 मार्च को देहरादून में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सीएम ने महिलाओं के कपड़ों को लेकर बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था। उन्‍होंने कहा कि आजकल युवा फटी जीन्स पहनकर चल रहे हैं, क्या ये सब सही है…ये कैसे संस्कार हैं। फटे कपड़े पहनना शान बन चुका है। अब फटी जीन्स पहनकर युवक-युवतियां फर्क महसूस करते हैं। फैशन की ओर युवाओं का झुकाव उन्हें अपनी संस्कृति से दूर कर रहा है। संस्कारवान बच्चे कभी नशे के चंगुल में नहीं फंसते और जीवन में कभी असफल भी नहीं होते। पश्चिमी सभ्यता के पीछे भागने की बजाय हमें अपनी संस्कृति को अपनाना चाहिए। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों के लिए समय निकालना होगा।
इस दौरान उन्होंने आजकल युवाओं के फैशन के स्टाइल पर भी टिप्पणी की। कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है जब युवाओं को फटे हुए कपड़े पहनकर घूमते देखते हैं। उन्होंने संबोधन के दौरान एक किस्सा भी सुनाया। जिसमें उन्होंने कहा कि एक बार वे एक जहाज में यात्रा कर रहे थे। तब उनके पास एक महिला दो बच्चों के साथ बैठी थी। उन्होंने देखा कि उसकी जीन्स जगह-जगह से फटी थी।
महिला ने उन्हें बताया कि वह दिल्ली जा रही है, उसके पति प्रोफेसर हैं और वह एक एनजीओ चलाती हैं। फिर मुझे हैरानी हुई कि पढ़े-लिखे लोग भी अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने इस बीच यह भी ताना मारा कि पहाड़ की युवतियां व युवक बड़े शहरों में कुछ समय बिताने के बाद जब लौटते हैं तो खुद को मुंबई का हीरो-हीरोइन समझने लगते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश भारतीय संस्कृति की महानता को समझ चुके हैं, इसलिए अब वह हमारी संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि हमारे देश के युवा पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं।

रामनगर में दिया था ये बयान
पिछले माह रामनगर में अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम रावत ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का काम किया। जिसके दस थे, पचास किलो आ गया, बीस थे तो क्विंटल आ गया। दो थे तो दस किलो आ गया। लोगों ने स्टोर बना लिए। खरीददार सामने ढूंढ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो, जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया ? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो पैदा किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए।’ इस दौरान सीएम ने किसी धर्म या जाति का नाम नहीं लिया। अपने भाषण में उन्होंने तथ्यात्मक गलती करते हुए कहा कि भारत 200 साल तक अमेरिका का गुलाम रहा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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