एक सप्ताह के भीतर शताब्दी एक्सप्रेस में फिर लगी आग, कहीं उल्टी दौड़ रही ट्रेन
भारतीय रेलवे की स्थिति भी खस्ताहाल नजर आ रही है। एक सप्ताह के भीतर दो शताब्दी एक्सप्रेस के कोच में आग की दो घटनाओं से इसे उजागार कर दिया है। आज पार्सल कोच ही धू धू जल उठा।
नई दिल्ली से कानपुर होते हुए लखनऊ जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेसमें आज 20 मार्च की सुबह तड़के आग लग गई। इससे रेलवे में हड़कंप मच गया। हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। सुबह 6.45 बजे के करीब जैसे ही यह ट्रेन गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो उसके पार्सल कोच में आग लग गई। कोच से अचानक तेजी से आग की लपटें और धुआं निकलने लगा।
आग की सूचना पाकर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश की गई। थोड़ी ही देर बाद इस पर काबू पा लिया गया। ट्रेन की अन्य कोच पर इस आग का कोई असर नहीं पड़ा। क्षतिग्रस्त कोच को हटाकर बाकी डब्बों के साथ ट्रेन को गंतव्य स्थल की ओर करीब 8.20 बजे रवाना कर दिया गया।
फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।
13 मार्च को भी लगी थी आग
कुछ दिनों पहले ही 13 मार्च को नई दिल्ली-देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस में भी आग लग गई थी। ट्रेन के एक कोच में आग लगी थी, तब उसकी वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई थी। उस हादसे में भी कोई जानृमाल का नुकसान नहीं पहुंचा था। हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक पर कांसरो वन रेंज के जंगल में यह हादसा हुआ था। दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस की एक कोच में अचानक आग शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे लगी थी। शताब्दी एक्सप्रेस जब राजाजी टाइगर रिजर्व की कंसरो रेंज से होकर गुजर रही थी तभी रेलगाड़ी के (सी 5) कोच में अचानक आग लग गई। कोच में मौजूद यात्रियों ने इमरजेंसी चेन खींचकर लोको पायलट को सूचना दी। लोको पायलट में तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रेलगाड़ी को कंसरो रेंज के नजदीक ही रोक दिया।
बीस किलोमीटर उल्टी दौड़ी थी ट्रेन
बुधवार 17 मार्च की शाम उत्तराखंड के कुमाऊं में हाल ही में शुरू की गई जनशताब्दी एक्सप्रेस अचानक आगे बढ़ने की बजाय पीछे की तरफ दौड़ने लगी। देखते ही देखते ट्रेन ने स्पीड पकड़ ली। लोगों को जब समझ आया तो उनकी सांसे भी अटक गई। इस दौरान ट्रेन चालक के नियंत्रण से पूरी तरह से बाहर हो गई। ब्रेक भी नहीं लगे। बीस किलोमीटर दूर जाकर ही ट्रेन रुक पाई। इससे ट्रेन में सवार 60 लोगों की जान पर जान आई।
दिल्ली से चंपावत जिले के टनकपुर पहुंच रही जनशताब्दी जब मनिहारगोठ पहुंची तो गाय ट्रेन से टकराकर कट गई। इस हादसे में ट्रेन का प्रेशर पाइप फटने से प्रेशर डाउन हो गया। इंजन का प्रेशर डाउन हो गया। इस कारण ट्रेन आगे बढ़ने की बजाय पीछे की ओर अनियंत्रित स्पीड से दौड़ने लगी। ट्रेन करीब 20 किमी दूर खटीमा के पास नदन्ना नदी के पास जाकर रुकी। ट्रेन की रुकने तक सवारियों की सांसे अटकी रही
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।