माघ पूर्णिमा को हरिद्वार में गंगा सहित अन्य नदियों के घाटों में उमड़े श्रद्धालु, गंगा में आस्था की डुबकी
माघ पूर्णिमा को हरिद्वार, ऋषिकेश सहित अन्य गंगा घाटों में सुबह चार बजे से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। साथ ही अन्य नदियों में भी स्नान के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे।

माघ पूर्णिमा को हरिद्वार, ऋषिकेश सहित अन्य गंगा घाटों में सुबह चार बजे से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। साथ ही अन्य नदियों में भी स्नान के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे। हरिद्वार के हरकी पैड़ी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चना कर दान करके पुण्य लाभ अर्जित किया। साथ ही हरिद्वार के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
शनिवार को सुबह हल्की बारिश भी भक्तों की आस्था को डिगा नहीं सकी। पहले माघ पूर्णिमा से ही कुंभ का आरंभ हो रहा था, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के चलते कुंभ का स्वरूप छोटा कर दिया। अब एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ की अवधि घोषित की गई है। वहीं, नक्षत्रों और तिथियों के मुताबिक इन दिनों कुंभकाल चल रहा है।
माघ पूर्णिमा स्नान के लिए शुक्रवार को ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था। आईजी कुंभ का दावा है कि शुक्रवार की देर रात तक तीन लाख के करीब श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच चुके थे। शनिवार को भी लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। कोरोनाकाल के बाद हुए स्थानों में माघ पूर्णिमा के स्नान में अब तक सर्वाधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
साथ ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गंगा के प्रमुख घाटों के साथ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। हरकी पैड़ी समेत सभी प्रमुख घाटों पर खुफिया एजेंसियां भी पूरा दिन अलर्ट हैं। कुंभ मेला क्षेत्र में कुंभ पुलिस ने 12 से ज्यादा छोटी-बड़ी पार्किंग बनाई हैं। शुक्रवार शाम तक छोटी पार्किंग भर गई थी । इसके बाद वाहनों को बड़ी पार्किंग में भेजा गया।
धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं। इसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है। माघ महीने की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
स्नान करने और पात्र व्यक्त्यिों को दान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा को नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से करते हैं, उनकी ही कृपा से मोक्ष मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं के साथ आसमान में निकलता है। उस दिन पूर्ण चंद्रमा दिखाई देता है।
कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।