Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 26, 2025

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पौड़ी गढ़वाल से शिक्षक मनोज घिल्ड़ियाल की गढ़वाली कविता

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पौड़ी गढ़वाल से शिक्षक मनोज घिल्ड़ियाल की गढ़वाली कविता।

इदगा बड़ सौकार छै तू

इदगा बड़ सौकार छै तू,
तैवि वण्यू फिक्वाल छै तू।
छैंदि ह्वेकि बि निछैंदि हुयी,
हैंका देलिम कनू गंगजाट छै तू।।

हौरौं थै खवाणू छै बगत फर लिंग्वड़ा खुतड़ा,
अफु बेमौसमी साग खाणू छै तू।
हमरा काफुलो क गीत दुनिया गाणी,
अर स्ट्राबैरी भुक्कि पीणू छै तू।।

मुफ्तम सिमला कुटमणा दीणू छै ऊंथै,
फीर ऊमैकी म्वाल लीणू छै तू।
हमरि क्वादकि रुट्टि दिल्ली बम्बै खाणी,
अर बासी पीजा औनलैन मंगाणू छै तू।।

श्राद्ध,फूलदेई,मकरैण, इगास विसरगे,
मदर फादर्स वेलेंटाइन डे मनाणू छै तू।
हमर ढोल सागर थै त विदेशि सिखणा,
तै बि ऊंका ड्रम, थकुला बजाणू छै तू।।

अपड़ा थड़या चौफला सरा छोड़ी,
साल्सा हिप हौप फर तीग डुंडि कनू छै तू।
नेगिदा कि सर्या गीतौं गंगा हमुम,
तैबि शकीरक ह्वेनएवर,वाका वाका गाणू छै तू।।

अमेरिका स्टीफन गढ़वलि बुनू च,
अर चाइनीज फ्रेंच सिखणूं छै तू।।
देवी, नरसिंह, सिध्द,भैंरों थै त जणदु नी,
अर हौरों मा गंडा ताबीज खूब बंधाणू छै तू।।

कवि का परिचय
नाम-मनोज घिल्डियाल
सहायक अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कलीगाड प्रखंड, रिखणीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पौड़ी गढ़वाल से शिक्षक मनोज घिल्ड़ियाल की गढ़वाली कविता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page