लाटरी के नाम पर दिया 11 लाख का झांसा, खाते से उड़ा दिए साढ़े 12 लाख, बिहार से पकड़ा गया मुख्य आरोपी
लाटरी के नाम पर झांसा देकर खाते से रकम उड़ाने के आरोपी को स्पेशल टास्क फोर्स साइबर क्राइम पुलिस उत्तराखंड ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण में ये भी बात सामने आती है कि कैसे लोग लालच में आकर अपनी जमा पूंजी को आसानी से गंवा जाते हैं। लालच दिया 10.96 लाख रुपये का और खाते से रकम साफ कर दी 12.43 लाख रुपये। ऐसे मामले लगातार समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों में प्रकाशित होने के बावजूद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं। ऐसे में इन साइबर अपराधियों को तलाशने में पुलिस की सिरदर्दी भी बढ़ती जा रही है।
साइबर पुलिस के मुताबिक हरिद्वार निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें मोबाइल फोन के माध्यम से किसी ने संपर्क किया। बताया कि उनकी 1096000 रुपये की लाटरी निकली है। इसके बाद लाटरी की रकम देने के नाम पर उससे विभिन्न चार्ज, टैक्स के नाम पर रकम मांगनी शुरू की गई। साइबर ठग उनके खाते से 1243311 रुपये अपने कई खातों में हस्तांतरित कर गया।
इस मामले में महिला को जिस नंबरों से फोन आए, उनकी डिटेल खंगाली गई। साथ ही बैंक खातो का विवरण प्राप्त किया गया। जानकारी मिली कि जिन नंबरों से सम्पर्क किया गया था, वे बिहार राज्य के हैं। उन्होंने ठगी के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मेघालय, दिल्ली आदि स्थानो के बैंक खातों का प्रयोग करते हुये धोखाधड़ी से 1243311 की धनराशि स्थानान्तरित की।
इन खातो के बैंक स्टेटमैंट का अवलोकन करने पर पता चला कि उक्त बैंक खातो से धनराशि अन्य बैंक खातो में स्थानान्तरित की गई। घटना में प्रयुक्त किए गए बैंक खातों में कुछ माह की अवधि में ही लगभग एक करोड़ से अधिक की धनराशि का लेनदेन होना पाया गया। इस पर निरीक्षक पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बिहार गई। जहां प्रकरण के मुख्य आरोपी सांतु कुमार पुत्र रनजीत कुमार, ग्राम ओहरी जनपद नवादा बिहार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक वह शातिर किस्म का साइबर अपराधी है। उसने विभिन्न राज्यो के कई व्यक्तियो को इसी प्रकार ठगी का शिकार बनाया है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
ये बाहरी लोग उत्तराखण्ड में भी ऐसी जालसाजी कर रहे हैं, इनसे बचना आवश्यक है.